UP News: 2021 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के होनहार लेकिन साधनविहीन युवाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ शुरू की। इसका मकसद था मुफ्त कोचिंग, हॉस्टलब्रेरी और अनुभवी अफसरों द्वारा मार्गदर्शन देना। आज यूपी के 75 जिलों में 166 सेंटर चल रहे हैं। अब तक 59 अभ्यर्थी UPSC और 121 PCS अभ्यर्थी इस योजना से सफलता पा चुके हैं। 2024 में ही 13 छात्रों ने UPSC में परचम लहराया है।
इन्हीं में एक हैं आयुष जायसवाल, जिन्होंने इस बार UPSC में 178वीं रैंक हासिल की। पहले नौकरी के साथ तैयारी कर रहे आयुष के पास संसाधन सीमित थे। इंटरव्यू के वक्त उन्हें मॉक इंटरव्यू और गाइडेंस की ज़रूरत पड़ी। अभ्युदय योजना के नोएडा सेंटर और ऑनलाइन सेशंस ने उनका हौसला बढ़ाया। खुद अफसरों से बातचीत और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट सेशन ने उन्हें आत्मविश्वास दिया।
अभ्यर्थी आयुष जायसवाल ने कहा कि “बेनिफिट तो ज़रूर हुआ है क्योंकि एक टाइम के बाद जब पर्सनैलिटी डेवलपमेंट का फेज़ आता है, तब बाहर निकलकर आपको किसी से बात करने की ज़रूरत होती है। एक गाइडेंस वहां पर बहुत ज़्यादा ज़रूरी होती है। तो उसके लिए अभ्युदय कोचिंग की फैकल्टी, जो भी थे, जिन्होंने भी हेल्प की है, उनसे मैं डेली टच में रहता था लगभग, तो उन्होंने काफ़ी हेल्प की है वहां पर।”
आयुष की ही तरह मयंक बाजपेयी को भी अभ्युदय योजना ने नई दिशा दी। तैयारी के दौरान उन्हें फ्री टेस्ट सीरीज़, 24×7 लब्रेरी, मेडिकल सुविधा और प्रेरणादायक सेशंस मिले। IAS अफसरों की रणनीति सुनने और अनुभव साझा करने से उनका मार्गदर्शन हुआ।
अभ्यर्थी मयंक बाजपेयी ने कहा कि “अभ्युदय योजना सरकार का एक अच्छा प्रयास है, जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को निशुल्क कोचिंग की सुविधा प्रदान करती है। मैं भी इसमें नामांकित था और मुझे इसका काफ़ी लाभ मिला है।” आज मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना प्रदेश के हजारों युवाओं के सपनों को नई उड़ान दे रही है। योगी आदित्यनाथ की ये पहल साबित करती है कि प्रतिभा कभी संसाधनों की मोहताज नहीं होती।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “अभ्युदय कोचिंग वर्चुअली भी और फिजिकली भी हर जनपद में उत्तर प्रदेश में हम प्रारंभ कर चुके हैं, जिसमें कोई भी बालक और बालिका नीट की, आईआईटी-जेईई की, एनडीए की, सीडीएस की, यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन की या यूपीएससी की तैयारी के लिए इन सभी कार्यक्रमों के साथ, अच्छी फैकल्टी को हमने उनके साथ जोड़ा है।”
अनुसूचित जाति व जनजाति कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि “योगी जी ने इस बात को समझा कि इतने सारे प्राइवेट कोचिंग हो रही हैं, तो जो बच्चे प्राइवेट कोचिंग अफ़ोर्ड नहीं कर सकते हैं, वो क्या करेंगे। तो उनके लिए यह एक व्यवस्था की गई है, मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग। जो पीसीएस, आईएएस जैसी परीक्षाओं के लिए भी है और साथ-साथ जो बारहवीं के बाद की परीक्षाएं हैं, नीट, जेईई उसके लिए भी है। उद्देश्य ये है कि यह योजना सभी आय वर्गों के लिए समान रूप से फ्री है और बहुत अच्छा परिणाम इसमें मिल रहा है।”