UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि उत्तर प्रदेश देश के कृषि क्षेत्र का पॉवर हाउस बने। प्रकृति ने इसके लिए सारे संसाधन (पानी, उर्वर भूमि, आबादी के रूप श्रम और बाजार) भी उपलब्ध कराएं। इनके बाद की जरूरतें होती हैं। फसली सीजन में समय से खेत की तैयारी और बोआई के लिए इनपुट, जरूरत पर सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता, फसल संरक्षा और सुरक्षा के लिए समय समय पर एक्सपर्ट की सलाह, फसल तैयार होने पर उनका वाजिब दाम।
खेतीबाड़ी से जुड़े इन सभी मुद्दों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही लगातार काम कर रही है।
पहले कार्यकाल का सबसे बड़ा ऐतिहासिक काम रहा 86 लाख लघु और सीमांत किसानों का 36000 करोड़ रुपए के कर्ज की माफी। वह भी सिर्फ अपने बलबूते। किसानों को ये सौगात तब दी गई जब सपा और बसपा के शासन काल के लूट खसोट के कारण प्रदेश का खजाना लगभग खाली था।
इसके बाद तो किसानों के हित के मामले में सरकार ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, केंद्र की मोदी सरकार इसमें लगातार मददगार रही, जिन लघु और सीमांत किसानों की योगी सरकार ने कर्जमाफी की थी। उनके सामने अब भी फसली सीजन में सबसे बड़ा संकट नकदी का ही था। नकदी न होने के कारण उनको फसली सीजन में समय पर खेत की तैयारी करने,खाद, बीज और सिंचाई का इनपुट की व्यवस्था करने में दिक्कत होती थी। चूंकि सर्वाधिक आबादी और कृषि पर जरूरत से अधिक निर्भरता के नाते इस वर्ग के उत्तर प्रदेश के किसानों को सर्वाधिक दिक्कत होती थी।
इसलिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की। योजना के तहत हर पात्र किसान के बैंक खाते में हर फसली सीजन (रबी, खरीफ और जायज) में दो दो हजार रुपए दिए जाते हैं। उक्त योजना का सर्वाधिक लाभ भी यहां के किसानों को मिला। अब तक इस योजना से प्रदेश के 2.80 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 74376 करोड़ रुपए भेजे जा चुके है।