Shahranpur: अगर देश में एक आदर्श ग्राम पंचायत की तलाश करें, तो उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के थरोली से बेहतर शायद ही कोई हो, इस गांव में कई अच्छे बदलाव किए गए हैं। पक्की सड़कें, नियमित पानी और बेहतर बुनियादी ढांचे की वजह से ये बाकियों से अलग है। यहां ओपन एयर जिम और लाइब्रेरी जैसी सहूलियतें भी हैं। नई तकनीक के साथ भी थरोली ने खुद को ढाला है। यहां सौर ऊर्जा से चलने वाले सीसीटीवी कैमरे, आधुनिक पंचायत भवन और मोबाइल से जुड़ी सार्वजनिक संबोधन प्रणाली भी है।
गांव की लाइब्रेरी में बच्चों को पढ़ाई से जुड़ी सुविधा मुहैया करवाई जा रही हैं जिससे उनको हर छोटी जरूरत के लिए शहर का रुख नहीं करना पड़ता। थरोली गांव पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही और लोगों को जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित करता है। यहां बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए एक बड़ा तालाब बनाया गया है। खास बात ये भी है कि इस इलाके का ये पहला गांव है जो मियाजाकी आम उगाता है। मियाजाकी दुनिया की सबसे महंगी आम की किस्मों में से एक है।
संदीप चौधरी ने कहा, “सबसे पहले तो हमारे गांव का जो बारिश का पानी आया करता था। बारिश हुई और जो है वो निकल कर बाढ़ में चला जाया करता था। सारा का सारा पानी जो है जोड़ में रुके है वहीं से ही और तरल धरती में खप जाओ। इससे जो है हमारा वॉटर लेवल जो है वो तो ऊपर बन आया है। हमें आज तक पीने के पानी की कोई दिक्कत नहीं आई है। दूसरा जो है मेरे गांव की कोई सड़क ऐसी नहीं है जो सहारनपुर से कम हो। साफ-सुथरी लाइट की सुविधा कोई ऐसी दिक्कत नहीं है। चाहे आधी रात चले आओ सब फर्स्ट क्लास।”
स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारे प्रधान जी के नेतृत्व में हम वो सभी कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे हमारा गांव विकसित बन सके। इसी घड़ी में हमने शुरुआत करी थी अपने गांव की हमारे कोरोना काल में हमारे प्रधान जी का कार्यकाल शुरू हुआ था। आज हमारी ग्राम पंचायत थरोली में इस समय वर्तमान में 29 सीसीटीवी कैमरे चालू हुए हैं, वो सीसीटीवी कैमरे भी सोलर पर चलने वाले कैमरा हैं सारे और ऐसी टेक्नोलॉजी हमने लगाई है इसमें कि कैमरे के साथ-साथ एक ऐसा सिस्टम लगाया है की मोबाइल के माध्यम से अगर आप देश-विदेश में भी कहीं होते हैं तो पूरे गांव को एक साथ संबोधित कर सकते हो।”
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