Prayagraj News: सावन के चौथे सोमवार पर प्रयागराज में किन्नरों द्वारा नागवासुकी मंदिर में पूजा अर्चना की गई, उनके साथ कई श्रद्धालुओं ने नागवासुकी देव की पूजा की। सावन के चौथे सोमवार को नागदेवता की पूजा की जाती है।
सावन के चौथे सोमवार पर प्रयागराज के किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी महाराज ने भगवान शिव के आभूषण नागों के देव नाग वासुकी का जलाभिषेक किया, इस दौरान उन्होंने पूरे जग के कल्याण की मनोकामना की और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए नाग देवता से सहायता मांगी।
Prayagraj News: 
गौरतलब हो कि सावन के चौथे सोमवार के दिन किन्नर समाज द्वारा नाग वासुकी की पूजा की जाती है। किन्नर समाज की मान्यता है कि भगवान महाकाल के आभूषण के रूप में नाग वासुकी का विशेष स्थान है, और सावन के चौथे सोमवार के दिन नागवासुकी की पूजा करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होकर अपने भक्तों को विशेष आशीर्वाद देते हैं। जिसके लिए प्रत्येक साल सावन के सोमवार अखाड़े की महामंडलेश्वर विधि विधान के साथ नागो की पूजा करते हैं।
Prayagraj News: इस दौरान मां कौशल्या नंद गिरी महाराज ने बताया कि पूरे विधि विधान के साथ नागों के देवता नाग वासुकी की पूजा की गई है, इस दौरान सभी को सुख समृद्धि के लिए उन्होंने भगवान नाग वासुकी की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा व सनातन धर्म को मजबूती मिले, इसके लिए भी विशेष तौर पर भगवान नाग वासुकी से प्रार्थना की गई है।