Prayagraj: इस साल, महाकुंभ की सदियों पुरानी परंपरा युवा जोश की एक नई लहर के साथ जीवंत हो उठी।प्रयागराज में हुए महाकुंभ में बड़ी तादाद में जेन ज़ी इस आध्यात्मिक सफर का हिस्सा बने, जेन ज़ी यानी वह युवा जिनका जन्म 1990 के बाद और 2010 से पहले हुआ है।
आंकड़े बताते हैं कि कुंभ जैसी तीर्थयात्राएं अब सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रह गई हैं बल्कि युवा श्रद्धालु भी इन पवित्र समागमों में पहले से कहीं ज्यादा दिलचस्पी के साथ जुड़ रहे हैं। ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म इक्सिगो के मुताबिक, प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचे श्रद्धालुओं में से 50 फीसदी की उम्र 30 साल से कम थी। वहीं 20 से 25 साल की उम्र के 26 फीसदी युवा आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे।
आंकड़ों के मुताबिक 2025 का महाकुंभ परंपरा को नए सिरे से परिभाषित करता है, क्योंकि खुद की खोज की चाह रखने वाले लोगों की तादाद काफी बढ़ी। रेलवे बुकिंग के सबसे दिलचस्प रुझानों में से एक ये है कि 60 फीसदी श्रद्धालुओं ने अकेले यात्रा की। ये समूह में सफर करने वालों के मुकाबले काफी ज्यादा है।
जानकारों के मुताबिक, युवा पीढ़ी के बीच धार्मिक पर्यटन में यह उछाल उनकी जड़ों और आध्यात्मिकता के साथ नए सिरे से जुड़ाव को दिखाता है, इस बार महाकुंभ की अहमियत इसलिए ज्यादा थी क्योंकि ये एक ऐसी दुर्लभ खगोलीय घटना से जुड़ा था जो 144 सालों में सिर्फ एक बार होती है।
इक्सिगो ग्रुप के सीईओ आलोक बाजपेयी ने कहा कि “मेरे लिए सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये थी कि कुंभ सिर्फ एक घटना नहीं थी, जहां आप मान लेते थे कि ये बुजुर्गों या मिलेनियल्स के लिए होगा, आप जानते हैं, 40 प्लस या 50 प्लस वाले लोग होंगे, आप जानते हैं, लोग यही मान लेते हैं। लेकिन बस की तरफ, कम से कम हमारे डेटा से पता चला कि जेन जेड वहां सबसे आगे था और 20 से 25 साल के लोगों के मामले में, वे हमारी बुकिंग का लगभग 26 प्रतिशत हिस्सा थे और अगर हम 30 साल से कम उम्र के लोगों को देखें, तो लगभग आधी बुकिंग 30 साल से कम उम्र के भारतीयों से आई थी जो कुंभ के दौरान उस क्षेत्र की यात्रा कर रहे थे।”
इसके सटह ही कहा कि “दूसरी दिलचस्प बात ये है कि अकेले यात्रा करने वाले लोग, यहां तक कि ट्रेन में भी, ये फिर से इस बात का संकेत है कि युवा आबादी इन यात्राओं की बुकिंग कर रही थी। ट्रेन में अकेले यात्रा करने वालों ने इस अवधि के दौरान लगभग 60 प्रतिशत बुकिंग की, जो फिर से यात्रा व्यवहार में एक महत्वपूर्ण बदलाव है जिसे हमने इस दौरान देखा।”