Prayagraj: जैसे-जैसे महाकुंभ मेला करीब आ रहा है प्रयागराज लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है, समृद्ध पौराणिक और आध्यात्मिक विरासत के अलावा ये शहर खाने-पीने की चीजों के लिए काफी मशहूर हैं।
कर्नलगंज इलाके में पंडित जी की दुकान की चाट भी काफी मशहूर है। आजादी से पहले से इस दुकान की चाट का जायका लोगों को बहुत पसंद है, 1945 में भगवती प्रसाद दुबे ने इस दुकान की शुरुआत की थी। अब उनके बेटे अंजनी प्रसाद दुबे अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं
अंजनी का कहना है कि उनके जायके का स्वाद घरेलू मसालों में छिपा है, जो उनकी चाट को सबसे अलग बनाता है। इस वजह से उनकी दुकान पर ग्राहकों का भीड़ लगी रहती है।
पंडित जी की चाट खाने के लिए प्रयागराज के लोग और दूर-दूर से सैलानी आते हैं, कई सालों से पंडित जी की चाट खा रहे लोग उनकी आलू टिक्की के मुरीद हैं। अनोखे स्वाद के साथ पंडित जी की चाट पूरे प्रयागराज में मशहूर है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ मेले में आने वाले लोगों के लिए पंडित जी की दुकान खाने-पीने का बेहतरीन ठिकाना साबित हो सकती है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “हम तो इस दुकान में बचपन से आते हैं जब ये कर्नलगंज में थी। इनके पिताजी थे वहां पर। इन्होंने यहां पर खोल ली है। ये मेरे ख्याल से तीन-चार साल से है। ये बहुत अच्छी चाट और बहुत शुद्ध देते हैं। हम लोग दो चार महीने में एक बार राउंड लगा जाते हैं यहां पर।
इसके साथ ही कहना है कि “जब कुछ चटपटा खाने का मन करता है तो पंडित जी चाट याद आते हैं। पंडित जी चाट आते हैं हम लोग। पंडित जी की चार्ट बहुत बढ़िया रहती है इलाहाबाद में। मैं यहां 2009 से आ रहा हूं। पहले इनकी दुकान आगे हुआ करती थी। अब यहां पर सेट हुई है। पंडित जी जो हैं खत्म हो गए हैं खैर एक्सपायर हो गए हैं। लेकिन उन्हीं की जो ओरिजिन। उन्हीं के ये ओरिजिन हैं बच्चे हैं पोते हैं। लेकिन उनकी चाट की कोई तोड़ नहीं है पूरे इलाहाबाद में। जो क्वालिटी ये दे देंगे वो कोई नहीं देगा। देसी घी की चाट साफ-सुथरी। भीड़ देख कर लग ही सकता है कि क्या है पोजिशिन और रेट भी बहुत मुनासिब है इनका।”