Prayagraj: प्रयागराज पहुंचे हठ योगी महंत महाकाल गिरि

Prayagraj: महाकुंभ के शुरुआत होने की घड़ी जैसे जैसे करीब आ रही है, प्रयागराज में अलग -अलग अखाड़ों के साधु संतों का पहुंचना भी शुरू हो गया है, महंत महाकाल गिरि महाराज भी प्रयागराज पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने गहन ध्यान और अनुशासन के दम पर नौ सालों से अपना बायां हाथ ऊपर उठा रखा है।

आह्वान अखाड़े के गीतानंद जी महाराज को ‘रुद्राक्ष बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है। रुद्राक्ष से बनी आकर्षक टोपी की वजह से वे मेला क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। टोपी का वजन तकरीबन 45 किलोग्राम है, हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला इस साल 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा।

इस बार महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ लोगों के प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है, अगर ऐसा होता है तो ये अपने आप में एक नया रिकॉर्ड होगा। महंत महाकाल गिरि महाराज ने कहा कि “हम सबसे पहले अपना घर-बार सब त्याग देते हैं। हम लोग योग, साधना, भजन, भक्ति कर रहे हैं। विश्व कल्याण के लिए सनातन धर्म से जुड़े रहकर योग करते हैं, भजन करते हैं और कर्म करते हैं। अधिक से अधिक लोग सनातन धर्म की सेवा कर रहे हैं। ये योग साधना है। ये जीवन भर का तप है। सब गुरु कृपा है। और भी महात्मा कर रहे हैं और हम भी कर रहे हैं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “हमारा संकल्प सवा लाख रुद्राक्ष का था, इसकी कथा आप देखेंगे कि यह भगवान शंकर का 11वां रुद्र है और उन्हें यह बहुत पसंद है। हमने सवा लाख रुद्राक्ष का संकल्प लिया था। 12 घंटे, 12 साल का लगतार तप का संकल्प था। मैंने अपनी तपस्या की शुरुआत प्रयागराज से की थी। छह साल पूरे हो गए हैं और छह साल बाद जो अर्धकुंभी आएगी, उसमें मेरी तपस्या पूरी होगी।”

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