Prayagraj: राष्ट्रीय शिल्प मेला एक दिसंबर से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक शानदार उत्सव के साथ शुरू हो गया है। ये 12 दिनों तक चलेगा, मेले की शुरुआत से पहले प्रयागराज की सड़कों पर एक भव्य जुलूस निकाला गया, जिसमें पूरे भारत के कलाकार गर्व से अपनी सांस्कृतिक परंपराओं का प्रदर्शन कर रहे थे।
इस साल के मेले की थीम आगामी महाकुंभ 2025 पर रखी गई है, देश के हर कोने से आ रहे कलाकारों की मेजबानी के लिए प्रयागराज पूरी तरह तैयार है।” आयोजकों के मुताबिक राष्ट्रीय शिल्प मेला का उद्देश्य हर साल देश के सभी सांस्कृतिक क्षेत्रों से कलाकार समूहों, शिल्प कारीगरों और व्यापारियों को एक मंच पर लाना है।
मेले में क्षेत्रीय लोक कलाओं, संगीत, नृत्य, शिल्प, पारंपरिक कपड़े और क्षेत्रीय व्यंजनों को पेश किया जाएगा। सिविल लाइंस व्यापार मंडल की ओर से आयोजित यह कार्यक्रम 12 दिसंबर तक चलेगा।यह मेला भारत की समृद्ध विविध कला और संस्कृति का अनुभव करने का एक अनूठा मौका है।
कलाकार रोहितका नंद गिरि,”आज हमने सांस्कृतिक केंद्र की ओर से शंखनाद किया है। हम आगामी महाकुंभ मेले में प्रस्तुति देने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यहां मौजूद सभी लोग (कलाकार) पूरी तरह से तैयारी करेंगे और महाकुंभ के दौरान पवित्र डुबकी लगाने के लिए आने वाले साधु-संतों के लिए अच्छा प्रदर्शन करेंगे।”
नीरज जायसवाल, अध्यक्ष, सिविल लाइंस व्यापार मंडल “सिविल लाइंस व्यापार मंडल द्वारा 1 दिसंबर से 12 दिसंबर तक चलने वाले शिल्प मेले में आज विभिन्न राज्यों से आये कई कलाकारों ने अपने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत कर हमारा मनोरंजन किया। हमने आज उनका स्वागत किया। आगामी महाकुंभ में, जहां कई देशों और राज्यों के कलाकार आएंगे, उसी के सम्मान में हमने इस मेले का आयोजन रखा है।”
“हमारे भारत में सात सांस्कृतिक केंद्र क्षेत्र हैं, जोन हैं। इनमें उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र का जुड़ाव अन्य राज्य केंद्रों की तुलना में अधिक है। यह 12 दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेला साल का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है।इस मेले में पूरे भारत से कलाकार अपनी संस्कृति और परंपराओं को यहां पर दर्शाते हैं।”