Prayagraj: उत्तर प्रदेश का प्रयागराज कुंभ के साथ ही इलाहाबादी अमरूद के लिए भी देशभर में काफी प्रसिद्ध है और इसी इलाहाबादी अमरूद की क्वालिटी को बनाए रखने और पैदावार को बढ़ाने के लिए प्रयागराज के खुसरोबाग इंडस्ट्रियल एक्सपेरिमेंट एंड ट्रेनिंग सेंटर में कई रिसर्च और एक्सपेरिमेंट चल रहे हैं।
ट्रेनिंग सेंटर के प्रभारी ने बताया कि अमरूद की फसल को कीड़ों से बचाने के लिए फेरोमोन ट्रैप और बेहतर बैगिंग तकनीक जैसे एक्सपेरिमेंट का सहारा लिया जा रहा है। खुसरोबाग इंडस्ट्रियल एक्सपेरिमेंट एंड ट्रेनिंग सेंटर के प्रभारी का ये भी कहना है कि पिछले साल करीब 20 क्विंटल अमरूदों को एक्सपोर्ट किया गया था और इस बार एक्सपोर्ट को और बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
अगले साल 2025 में महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। ऐसे में अधिकारी इलाहाबादी अमरूद की मांग में भी बढ़ोत्तरी की उम्मीद कर रहे हैं।
खुसरोबाग इंडस्ट्रियल एक्सपेरिमेंट एंड ट्रेनिंग सेंटर के प्रभारी विजय किशोर सिंह ने कहा कि “कुछ समय से देखा जा रहा है कि अमरूद के फलों में कीड़े ज्यादा लगते हैं, जिससे कि फल की गुणवत्ता प्रभावित हो जाती है और बाजार में किसानों को फल की सही कीमत नहीं मिलती है। इसके लिए हम लोगों ने फलों में फेरोमोन ट्रैप लगाने का एक डेमोंस्ट्रेशन किया है। काफी किसानों के यहां काफी अच्छे रिजल्ट रहे हैं। पिछले साल सब लोगों ने ट्रायल के तौर पर किया। फ्रूट बैगिंग का कार्य वो भी काफी अच्छा रहा। इस वर्ष भी आप देख रहे हैं काफी हम लोगों ने खुसरो बाग में भी किया है। कौशांबी, प्रयागराज के किसानों के यहां भी फ्रूट बैगिंग का कार्य किसानों के क्षेत्र पर भी किया गया है।”
इसके साथ ही बताया कि “गत वर्ष हम लोगों ने ओमान और सऊदी अरब के कुछ हिस्से में मांग आई थी तो कौशांबी के कुछ किसानों के यहां से और प्रयागराज के कुछ किसानों के यहां से हम लोगों ने यहां से अमरूद लगभग 20 क्विंटल के आसपास अमरूद को विदेश भेजा है और उसके बहुत अच्छे रिजल्ट आए हैं और इस बार की भी तैयारी है, हालांकि महाकुंभ होने के कारण विदेश के लोग यहां पर ही आते हैं, लेकिन उसकी डिमांड हम यही पर ही पूरी नहीं कर पाएंगे। प्रयास रहेगा कि अच्छी क्वालिटी का कुछ ना कुछ अमरूद विदेश में किसानों के माध्यम से भेजें।”