Prayagraj: शरद पूर्णिमा के मौके पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

Prayagraj: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में शरद पूर्णिमा के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में डुबकी लगाई, आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। शरद पूर्णिमा पर पवित्र स्नान करने का खासा महत्व है। ये दिन सभी धार्मिक जैसे – दान-पुण्य, पूजा-पाठ, ध्यान और सत्यनारायण कथा आदि के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।

सुबह से ही लाखों श्रद्धालुओं ने ‘हर-हर गंगे’ और ‘जय गंगा मैया’ के जयकारे के साथ गंगा, यमुना और सरस्वती की पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाई। इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के मौके पर चांद की किरणों से अमृत बरसता है, इसलिए शरद पूर्णिमा को अमृत काल भी कहा जाता है।

श्रद्धालु पद्मावती देवी ने कहा कि “कार्तिक शुरू हो गया इसलिए शरद पूर्णिमा का बहुत ज्यादा महत्व है कि सब लोग स्नान-दान करके और भगवान की इच्छा अनुसार आदमी चलकर सुखी जीवन का प्राप्ती के लिए ईश्वर से कामना करता, गंगा मैया से कामना करता है कि वो जीवन में बहुत सुखी रहें और माता रानी उनकी इच्छाओं को पूर्ण करें।”

इसके साथ ही श्रद्धालुओ ने कहा कि “संगम स्नान का ये है कि आज के दिन शरद पूर्णिमा के दिन चांद पूर्ण रहता है और जितने भी लोगों के कुछ पापों का नाश होता है। सभी मनुष्य इसी वजह से गंगा के तट पर स्नान-दान भी करना रहता है। स्नान-दान की पूर्णिमा है ये और इसका बहुत ज्यादा महत्व है। पूर्ण रूप से चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त रहता है तो इसकी किरणें से हर मनुष्य कि बीमारियां भी दूर होती है, ते इसलिए शरण पूर्णिमा का बहुत ज्यादा महत्व है।”

पुजारी जय राम श्री का कहना है कि “शरद पूर्णिमा पर जो है यहां के शरद पूर्णिमा का पर्व ये विशेष फलदायनी है और इसी का फल है। इसमें लोग दान-पुण्य करते हैं आते है स्नान करते हैं और पूर्ण लाभ प्राप्त करते हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *