Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम घाट पर निर्जला एकादशी के मौके पर श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई और मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की, पुजारी गोपाल जी ठाकुर ने बताया कि जो लोग निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
श्रद्धालु ने एकादशी का महत्व बताया, उन्होंने कहा कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु से आशीर्वाद देने के लिए छाते, जूते, पानी के बर्तन और फल दान करते हैं।
पुजारी गोपाल ने बताया कि “जो लोग व्रत नहीं करते कभी भी अब आज कर लेंगे बिना जल पीए 24 घंटा बिता लेंगे, तो कष्ट तो होगा लेकिन सभी एकादशियों का फल आज मिल जाएगा। जल देने का विशेष महत्व है, पीए ना लेकिन जल देने का महत्व है, मिष्ठान देने का महत्व है, जूता, छाता देने का महत्व है, दान देने का महत्व है। ऐसा करने से हमारे परिवार में सुख-समृद्धि आती है, उसके साथ-साथ कल्याण होता है।”
श्रद्धालुओं का कहना है कि भगवान विष्णु के लिए ये मनाया जाता है, इस दिन जो उनके भक्तगण हैं वो निर्जला रहते हैं, जल को ग्रहण न करके व्रत रहते हैं। क्योंकि यह एक ऐसा एकादशी है जो बहुत ही फलदायी है। इस दिन जो व्रत रहते हैं आशीर्वाद अवश्य मिलता है। छतरी का दान है, पादुका का दान है, जल में घड़ा, वस्त्र दान है, बर्तन और फल दान करते हैं। जो आपकी सार्म्थ है उतना दान करना चाहिए, लेकिन जल का सबसे बड़ा दान है निर्जला एकादशी में।