Prayagraj: उत्तर प्रदेश में संगमनगरी प्रयागराज में अगले साल होने वाला माघ मेला सिर्फ आस्था का ही नहीं, बल्कि भगवा रंग की भव्यता का भी गवाह बनने जा रहा है। पांटून पुल भगवा रंग से रंगे जा रहे हैं तो वहीं पवित्र नदियों की लहरों पर भगवा रंग में लहराती नावें त्रिवेणी संगम की भव्यता को और बढ़ाएंगी।
भगवा रंग त्याग, बलिदान, साहस, वीरता, ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है। ये रंग माघ मेले के प्रायश्चित और मोक्ष पर केंद्रित होने का भाव दिखाता है। ये साधु-संतो के वस्त्रों और भगवान हनुमान से जुड़ाव से भी मेल खाता है।
नाविकों का कहना है कि “भगवा रंग यही सर जो पीपा पुल बना हुआ है भगवा रंग से, उसी हिसाब से उद्देश्य अपना रखा गया है कि भगवा ही कलर ही रखा जाए नाव को। मेले का इस बार बढ़िया से प्रोग्राम चल रहा है इसका काम, जैसे कि अपना मेला भगवा कलर में जाना जाएगा पूरे विश्न में। जैसे कि हमारा नाव भगवा कलर में है।”
अगले साल तीन जनवरी को गंगा, यमुना और पौराणिक नदी सरस्वती के संगम पर श्रद्धालुओं के पहले पवित्र स्नान के साथ माघ मेले की शुरुआत होगी, 44 दिनों तक चलने वाले माघ मेले का समापन 15 फरवरी को होगा।