Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर से प्रतिबंधित ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप्स के जरिए लोगों को ठगने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के पास से धोखाधड़ी में कथित तौर पर इस्तेमाल किए गए सात लैपटॉप और आठ मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
पुलिस ने बताया कि फेज-1 पुलिस स्टेशन और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की संयुक्त टीम ने मुजफ्फरनगर निवासी और वर्तमान में दिल्ली में रहने वाले सचिन गोस्वामी (33) और गाजियाबाद निवासी और दिल्ली में रहने वाले कुणाल गोस्वामी (22) को नोएडा सेक्टर-2 से गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि सचिन के पास वित्त में एमबीए की डिग्री है, जबकि कुणाल बीबीए स्नातक हैं। पुलिस उपायुक्त (नोएडा) यमुना प्रसाद ने कहा कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप्स पर प्रतिबंध होने के बावजूद, आरोपी विभिन्न वेबसाइटों पर ऐसे प्लेटफॉर्म का विज्ञापन कर रहे थे और ऑनलाइन सर्च के जरिए अनजान उपयोगकर्ताओं का डेटा एकत्र कर रहे थे।
डीसीपी ने बताया, “इसके बाद वे पीड़ितों को फ़ोन करते, उन्हें गेमिंग और सट्टेबाजी के ज़रिए आसान मुनाफ़े का लालच देते और गेमिंग व सट्टेबाजी ऐप्स के लिंक भेजते। अलग-अलग गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर आईडी और पासवर्ड बनाने के नाम पर पैसे ऐंठे जाते थे।”
पुलिस ने बताया कि आरोपी शुरुआत में पीड़ितों का विश्वास जीतने के लिए उन्हें छोटी-छोटी रकम कमाने देते थे। अधिकारी ने बताया, “एक बार विश्वास हो जाने पर, उनसे बड़ी रकम ली जाती और ठगी की गई रकम को कई खच्चर बैंक खातों में भेज दिया जाता।”
पुलिस के अनुसार उनके पास कॉल सेंटर या गेमिंग व सट्टेबाजी ऐप्स के संचालन से संबंधित कोई भी वैध दस्तावेज़ या पंजीकरण नहीं मिला। आरोपी कॉल करने के लिए फर्जी पहचान पत्रों के ज़रिए हासिल किए गए सिम कार्ड का भी इस्तेमाल कर रहे थे।
पुलिस ने बताया कि साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दूरसंचार अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।