Mathura: उत्तर प्रदेश में मथुरा का बड़ा हिस्सा पानी में डूब गया है। यमुना नदी में उफान के बाद कई इलाके जिले के बाकी हिस्सों से कट गए हैं। सड़कों पर पानी भर गया है। प्रशासन फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए स्टीमर की मदद ले रहा है।
लोगों ने बताया कि पिछले दो दिनों में हालत और बिगड़ी है। बाढ़ के कारण गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। खेतों के बड़े हिस्से में पानी भर गया है। फसलें डूब गई हैं। अब किसान सरकार से नुकसान के लिए मुआवजे की गुहार लगा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियां उफान पर हैं। इसका असर राज्य के कई हिस्सों में हजारों लोगों पर पड़ा है। फसलें बर्बाद हो गई हैं और गांव के गांव डूब गए हैं। केंद्रीय जल आयोग ने इस सप्ताह के शुरू में चेतावनी दी थी कि गंगा, यमुना, घाघरा, रामगंगा और शारदा जैसी नदियों का स्तर अभी और बढ़ेगा।
स्टीमर संचालक भगत निषाद ने बताया कि “गुलालगढ़ से लेके बाबूगढ़ तक के लिए प्रशासन ने इसको करवाया है। वहां से लेके सारे में पानी भरा हुआ है। गुलालगढ़ से लेके बाबूगढ़ तक डूबा हुआ पड़ा है।
बाबूगढ़ जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण गुर्जर ने कहा कि “बाबूगढ़ में पानी का जलस्तर जो बढ़ रहा है, ये हमारे सारे गांवों में बढ़ रहा है, सिर्फ बाबूगढ़ में ही नहीं। बाबगढ़ की स्थिति ये है कि चारों ओर से पानी घूम गया है, तो निकलने के लिए, आने-जाने के लिए बहुत ज्यादा परेशानी है और वैसे स्टीमर वहां लगवा रखा है। अपनी तरफ से हम भी खूब मदद कर रहे हैं। सरकार भी कर रही है।”
वही स्थानीय लोगों का कहना है कि “दो दिन पहले ट्रैक्टर और नाव भी चल रही थी, शेरगढ़ से नौजी रोड है। यहां पे चार फुट पानी है। दो दिन पहले तो यहां पर चल रहे थे वाहन। अब पुलिस-प्रशासन ने बिल्कुल रोड बंद कर दिया है। दोनों तरफ से।”