Mathura: दिवाली का त्योहार अब करीब है, इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश में मथुरा के कारीगर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश के साथ-साथ हनुमान, देवी सरस्वती, कुबेर और दूसरे देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने में जुटे हैं।
देवी-देवताओं की मूर्तियों के अलावा हाथियों, घोड़ों और तरह-तरह की चिड़ियों की मूर्तियां भी बनाई जाती हैं, इन मूर्तियों को बनाना लंबा काम है। मूर्तिकार महीनों पहले से कागज, मिट्टी और प्लास्टर ऑफ पेरिस जमा करना शुरू कर देते हैं।
मूर्तिकार देवी लक्ष्मी की मूर्तियों को सोलह श्रृंगार से सजाते हैं, जबकि भगवान गणेश की मूर्तियां अलग-अलग रंगों से रंगी जाती हैं, तैयार मूर्तियों को जोड़ा बना कर पैक किया जाता है। लोग इन्हें खरीदते हैं और दिवाली पर इनकी पूजा करते हैं।
कारीगरों का कहना है कि “साल भर इंतजार करते हैं, कब दिवाली आए हमारी। मूर्ति घर से निकलें। घरों में पहुंचें। इसलिए हम बहुत इंतजार करते हैं। बहुत खुशी होती है, जब हमको 10 दिन का टाइम मिलता है घरों में पहुंचाने के लिए। साल भर बनाते हैं और 10 दिन हमको सेल करनी होती है। इसलिए हमको बहुत खुशी मिलती है।”
“लक्ष्मी-गणेश बनाते हैं और जो भी खिलौने होते हैं, वो सब बनता है हमारे यहां पे। ए टू जे बनता है। मिट्टी, पीओपी- दोनों बनती है। बनने को तो ये दिवाली के बाद बनेगा। ये तो पहले से बन चुका है। इसकी दोबारा से ढलाई होगी। वो दिवाली के बाद होगी। इसको सूखने में तीन दिन लगते हैं। बनने में कम तैयारी में ज्यादा लगता है।”