Mahakumbh: सीएम योगी द्वारा महाकुम्भ के महाआयोजन को सफल बनाने के लिए की गई अभूतपूर्व व्यवस्था को लेकर आम भक्तों, कल्पवासियों समेत साधु-संन्यासियों ने भी हर्ष जताया है, माघ पूर्णिमा के प्रमुख स्नान पर्व के अंतर्गत करोड़ों आस्थावान स्नानार्थियों ने त्रिवेणी संगम के संगम नोज समेत विभिन्न कच्चे-पक्के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई।
इसमें सनातन धर्म के प्राण कहे जाने वाले सभी अखाड़ों के साधु-संत भी शामिल रहे जिन्होंने स्नान की व्यवस्था से लेकर महाकुम्भ में उन्हें मिली सुविधाओं को लेकर हर्ष जताया है। उनका कहना है कि कुम्भ सनानत धर्म को समझने और सनातन सत्य को अनुभूत करने का ऐसा माध्यम है जिसका वर्षों से आयोजन होता रहा है, मगर यह महाकुम्भ कई मायनों में विशिष्ट है।
यह महाकुम्भ धर्म-अध्यात्म, पुण्य अर्जन, मानव सेवा, एकता, सत्कर्म के मूल्यों को आत्मसात करने के साथ ही डिजिटल कुम्भ और सुरक्षित कुम्भ की अनुभूति प्रदान करने वाला भी है। साधु-संतों का कहना है कि महाकुम्भ जैसे महाआयोजन में इतनी सुदृढ़ व्यवस्था वही कर सकता है जो सच्चा सनातनी हो, और यही कारण है कि सनातन के गर्व सीएम योगी आदित्यनाथ से बेहतर व्यवस्था कर पाना सबके बस की बात नहीं है।
अघोर तंत्राचार्य, गुरु एवं किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर आर.मणिकंदन अघोर तंत्राचार्य होने के साथ ही काशी के मणिकर्णिका घाट में होने वाली मसान होली (चिताभस्म से खेली जाने वाली होली) में भी नरमुंडों की माला धारण करके अग्रणी भूमिका में रहते हैं, महाकुम्भ के महात्म के बारे में बताते हुए मणिकंदन कहते हैं कि महाकुम्भ के दौरान मेला क्षेत्र में गुजारा गया एक-एक क्षण अमृत तुल्य है। यहां साधु-संतों, संन्यासियों व आम नागरिकों को मिल रही सुविधाओं को लेकर हर्ष जताते हुए गुरू मणिकंदन ने कहा कि सीएम योगी का प्रयास अतुलनीय है।
उनके अनुसार, एक सच्चा सनातनी और सनातन धर्म का मर्मज्ञ ही इस प्रकार वृहद आयोजन को सुप्रबंधित और सुप्रतिष्ठित बना सकता है। उन्होंने स्नानार्थियों से यह भी अपील की कि स्नान पर्वों पर केवल संगम नोज पर ही स्नान करने को वरीयता न दें। उनके अनुसार, सारा महाकुम्भ मेला क्षेत्र ही शक्ति त्रिकोण है जिसमें सभी तीर्थों का पुण्य समाहित है। ऐसे में, संगम नोज पर अत्याधिक भीड़ बढ़ाने के बजाए नजदीकी घाटों पर स्नान करना श्रेयस्कर होगा और वही पुण्य प्राप्त होगा जो संगम नोज पर स्नान करने से प्राप्त होता है।
माघ पूर्णिमा समेत महाकुम्भ के अंतर्गत अभी तक सभी प्रमुख स्नानों में सम्मिलित रहे श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के उज्जैन के नागा संन्यासी बंगाली बाबा (शाहपुरा वाले) ने बताया कि अब वह स्नान के बाद प्रयागराज से काशी के लिए प्रस्थान कर रहे हैं और अगले 15 दिन काशी में प्रवास करेंगे। बंगाली बाबा ने बताया कि प्रयागराज से काशी के लिए वसंत पंचमी के बाद से ही अलग-अलग अखाड़े, साधु-संत व धर्माचार्य प्रस्थान करना शुरू कर देते हैं। उनके अनुसार, काशी में सभी अखाड़ों के नाम से अधिकृत स्थल हैं, जहां पर वह महाशिवरात्रि तक रहते हैं और बाबा विश्वनाथ के साथ होली खेलकर आगे प्रस्थान करते हैं। उनके अनुसार, सीएम योगी सनातन के सूर्य हैं और उन्होंने जिस प्रकार महाकुम्भ के इस आयोजन को सफल बनाया है, संतों का सत्कार किया है और जिस प्रकार आमजन को सुरक्षित व सुव्यवस्थित तरीके से इस महाआयोजन का अंग बनाने की कोशिश की है वह प्रशंसा योग्य है।