Maha Kumbh 2025: महाशिवरात्रि पर अंतिम ‘स्नान’ के लिए संगम पर उमड़े श्रद्धालु

Maha Kumbh 2025: महाशिवरात्रि पर पवित्र स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ 26 फरवरी सुबह से ही त्रिवेणी संगम पर पहुंचने लगी है। छह सप्ताह तक चलने वाले महाकुंभ का आज आखिरी दिन है। महाकुंभ हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। माना जाता है कि महाकुंभ में पवित्र स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक है और कुंभ मेले के संदर्भ में इसका विशेष महत्व है।

हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान शिव ने समुद्र मंथन में अहम भूमिका निभाई थी, जिसके कारण अमृत कुंभ (अमृत घड़ा) का उद्भव हुआ, जो कुंभ मेले का सार है। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के पवित्र संगम पर आते हैं और पवित्र स्नान करते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक 25 फरवरी को संगम में कुल एक करोड़ 33 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इसके साथ ही महाकुंभ 2025 में डुबकी लगाने वाले कुल श्रद्धालुओं की संख्या 64 करोड़ से ज्यादा हो गई है।

महाकुंभ में छह विशेष स्नान तिथियां मनाई गईं – 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या, तीन फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का ‘अमृत स्नान’ शामिल हैं। महाशिवरात्रि के दिन अंतिम ‘अमृत स्नान’ के लिए देशभर से श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। सुरक्षाकर्मी हाई अलर्ट पर हैं और महाकुंभ नगर और घाटों पर बढ़ती भीड़ पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।

पुलिस, अर्धसैनिक बलों और आपदा प्रतिक्रिया टीमों सहित कई एजेंसियों को भारी संख्या में तैनात किया गया है ताकि भारी भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। निगरानी के लिए ड्रोन और एआई से लैस सीसीटीवी लगा गए हैं। आपदा प्रबंधन बलों के साथ रणनैतिक बिंदुओं पर चिकित्सा दल और आपातकालीन प्रतिक्रिया इकाइयां तैनात की गई हैं।

अधिकारियों ने मेला क्षेत्र को “नो व्हीकल जोन” घोषित किया है। झूसी स्टेशन पर 850 आरपीएफ कर्मियों और 290 वाणिज्यिक कर्मचारियों को लगाया गया है, जबकि प्रयागराज रामबाग में 500 आरपीएफ कर्मियों और 250 वाणिज्यिक कर्मचारियों को तैनात किया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशनों पर माइक से अनाउंसमेंट की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *