Maha Kumbh 2025: रेलवे ने टिकट बुकिंग के लिए कर्मचारियों के जैकेट पर लगाया क्यूआर कोड

Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश का प्रयागराज सबसे बड़े धार्मिक आयोजन, महाकुंभ 2025 की शुरुआत के लिए पूरी तरह तैयार है। ट्रेन यात्रियों की लंबी कतारों से बचने के लिए प्रयागराज रेलवे डिवीजन ने रेलवे वाणिज्यिक कर्मचारियों को क्यूआर कोड जैकेट प्रदान की है, जो ‘डिजिटल रेल टिकट’ बनाने की सुविधा है।

यात्री अब सीधे क्यूआर कोड स्कैन करके अपना टिकट बुक कर सकेंगे, इसके अलावा भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए टोल-फ्री नंबर, वेबसाइट और ‘महाकुंभ मेला’ ऐप जारी करके ‘डिजिटल महाकुंभ’ को सफल बनाने का प्रयास किया है। बता दे कि हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू होगा और 45 दिनों के बाद 26 फरवरी को खत्म होगा।

उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ अमित सिंह ने कहा कि “इस महाकुंभ में जो भी श्रद्धालुगण आ रहे हैं, उनको टिकट लेने में किसी तरह की असुविधा न हो, इसलिए लिए कई अलग-अलग प्रयास किए गए हैं। जिसमें की यूटीएस मोबाइल ऐप है, जिसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि लोग उसे डाउनलोड करके उससे टिकट ले सकते हैं। दूसरा एटीवीएम लगाए गए हैं हमारे यात्री आश्रय या संगम क्षेत्र में जो हमारे कैंप हैं, वहां हमारे आदमी रहेंगे, वो बताएंगे कि उन्हें कहां जाना है, उनको वहां पर वो टिकट जारी कर देंगे।

सभी यात्री आश्रय में हमारे टिकट काउंटर भी हैं, जहां से वो टिकट ले सकते हैं। इसके साथ ही इस बार एक अलग से प्रयास किया गया है कि जो भी हमारे स्टॉफ हैं, उनको अलग से जैकेट दी गई है और उस जैकेट के पीछे क्यूआर कोड लगाया गया है। उस क्यूआर कोड को स्कैन करने से वो आपको सीधे यूटीएस ऐप पर ले जाएगा और वहां से आप उसे डाउनलोड कर लें और वहां से आप खुद टिकट निकालकर अपनी यात्रा कर सकते हैं। इसके साथ ही इस बार हमारे यहां कलर कोडिंग की भी व्यवस्था की गई है, हमारे यहां अलग-अलग डायरेक्शन के लिए अलग-अलग कोड हैं।”

उन्होंने कहा कि “इस महाकुंभ में जो भी श्रद्धालुगण आ रहे हैं, उनको टिकट लेने में किसी तरह की असुविधा न हो, इसलिए लिए कई अलग-अलग प्रयास किए गए हैं। जिसमें की यूटीएस मोबाइल ऐप है, जिसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि लोग उसे डाउनलोड करके उससे टिकट ले सकते हैं। दूसरा एटीवीएम लगाए गए हैं हमारे यात्री आश्रय या संगम क्षेत्र में जो हमारे कैंप हैं, वहां हमारे आदमी रहेंगे, वो बताएंगे कि उन्हें कहां जाना है, उनको वहां पर वो टिकट जारी कर देंगे। सभी यात्री आश्रय में हमारे टिकट काउंटर भी हैं, जहां से वो टिकट ले सकते हैं।

इसके साथ ही इस बार एक अलग से प्रयास किया गया है कि जो भी हमारे स्टॉफ हैं, उनको अलग से जैकेट दी गई है और उस जैकेट के पीछे क्यूआर कोड लगाया गया है। उस क्यूआर कोड को स्कैन करने से वो आपको सीधे यूटीएस ऐप पर ले जाएगा और वहां से आप उसे डाउनलोड कर लें और वहां से आप खुद टिकट निकालकर अपनी यात्रा कर सकते हैं। इसके साथ ही इस बार हमारे यहां कलर कोडिंग की भी व्यवस्था की गई है, हमारे यहां अलग-अलग डायरेक्शन के लिए अलग-अलग कोड हैं।”

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