Lucknow: मुख्यमंत्री ने एसजीपीजीआई लखनऊ में 1,147 करोड़ रुपये की स्वास्थ्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया

Lucknow: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लंबे समय से पेंडिंग एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर राज्य में आकार ले रहा है, जिसका क्रेडिट “डबल इंजन” सरकार को जाता है।

राज्य में बच्चों को प्रभावित करने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के अपने करीबी अनुभव पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि गोरखपुर से लोकसभा सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने संसद और विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया था।

मुख्यमंत्री, लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के कई प्रोजेक्टों के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ” प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में एक लंबी यात्रा चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र में, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाई है। पिछले सात-साढ़े सात वर्ष में उत्तर प्रदेश के अंदर, जो सरकारी सेक्टर के मेडिकल कॉलेज थे, जो मात्र प्रदेश के अंदर 2017 तक, प्रदेश के अंदर केवल 18 जनपदों में फैले हुए थे, आज उनकी संख्या बढ़कर के 64 जनपद हमारे आज ऐसे हो चुके हैं जहां कोई न कोई मेडिकल कॉलेज खड़ा है।

उन्होंने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज की ओर हम तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। एमबीबीएस की सीट पहले की तुलने में दोगुने से अधिक हुई हैं। पीजी की सीट भी यूपी के अंदर पहले की तुलना में दोगुने से अधिक हुई हैं, बढ़ी हैं। खासतौर पर बाल रोग संस्थान कहीं भी बने, बच्चों से जुड़ी हुई तमाम प्रकार की उन व्याधियों का समाधान का रास्ता निकाला जा सके, कोई उसके लिए कोई अलग से कोई संस्थान यूपी के अंदर देखने को नहीं मिला और हम अक्सर इस चीज को देखते थे। मुझे तो काफी लंबे समय तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में बच्चों से जुड़ी हुई बीमारी को नजदीक से देखने का अवसर प्राप्त हुआ था। मैंने उस पीड़ा को बहुत नजदीक से महसूस किया था और मैं उस बात को वहां जब देखता था, तो वहां पर एक जनप्रतिनिधि के रूप में, एक सांसद के रूप में, इन मुद्दों को संसद में रखने का प्रयास करता था, उन मुद्दों को लेकर के सड़कों पर भी आंदोलन करता था, सरकार का ध्यान भी आकर्षित करता था और आज मुझे प्रसन्नता है कि सरकार आने के बाद, डबल इंजन की सरकार के द्वारा किए गए प्रयास का परिणाम है कि हम लोगों ने बच्चों से जुड़ी हुई इंसेफेलाइटिस की समस्या का समाधान उत्तर प्रदेश के अंदर करने में सफलता प्राप्त की है।”

 

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