Kargil Vijay Diwas: देश कारगिल विजय की 25वीं सालगिरह मना रहा है, उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के रिटायर्ड सूबेदार मेजर और ऑनरेरी कैप्टन योगेन्द्र सिंह यादव कारगिल जंग को याद करते हैं। योगेन्द्र यादव को उनकी बहादुरी के लिए सबसे कम उम्र में भारत का सर्वोच्च सैनिक सम्मान, परमवीर चक्र मिला था, कारगिल जंग के समय वे महज 19 साल के थे।
योगेन्द्र यादव उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में अपने गांव में रहते हैं, उनके परिवार को उनपर भारी गर्व है, घर के लोग कहते हैं कि वे परिवार और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं। सरकार ने योगेन्द्र यादव की बहादुरी के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया था, योगेन्द्र यादव की बहादुरी की कहानियां दुर्लभ किंवदंतियों में एक बन गई हैं।
परमवीर चक्र विजेता ऑनरेरी कैप्टन योगेन्द्र यादव ने बताया कि “यह मेरे सौभाग्य की बात है कि मैं इन कमांडर्स के साथ एक सिपाही के तौर पर और एक भारतीय का बेटा बन कर के इन पहाड़ियों के ऊपर इनके साथ जंग करने का मुझे सौभाग्य मिला। हमारे शीर्ष नेतृत्व में इतनी अच्छी प्लानिंग किया, इतना अच्छा हमें लीडरशिप प्रदान किया। करीबन 18 साल-19 साल-20 साल के लड़के इनकी लीडरशिप के अंदर कदम से कदम बढ़ाते चले गए और अपनी लहू की बूंदों से हिंदुस्तान का इतिहास लिखते हुए चले गए।”