Kanwar Yatra: कांवड़ यात्रा शुरू होने को है, उससे पहले उत्तर प्रदेश के बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। व्यापारी यात्रियों की जरूरतें पूरी करने की तैयारी में जुटे हैं। सहारनपुर के बाजार चमकीले कपड़ों और दूसरे सामानों से भर गए हैं, इनकी मांग आसपास की जगहों में भी है।
हरिद्वार का खरीदार संदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि “यह कावड़ा से संबंधित माल चलता है इस दौरान, यह एक महीना सावन का पूरा कांवड़ा का सामान बिकेगा टोटल। ऑरेंज है, ब्लैक है, ब्लैक की डिमांड ज्यादा होती है।”
इस साल भगवान शिव और देवी पार्वती की तस्वीरों वाली बनियान, टी-शर्ट, तौलिया सेट और शॉर्ट्स की मांग है, व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा बिक्री हो रही है।
व्यापारी श्याम सुंदर ने बताया कि काम तो बहुत बढ़िया जा रहा है। पिछली बार से तो 10 परसेंट एक्स्ट्रा ही है, है ना। अब तक तो कुल मिलाकर अच्छा ही है। बाजारों में फुल रौनक है जी। अभी तो हमारे पास करीब पांच दिन से काम अच्छा चल रहा है। जब लास्ट टाइम आता है, तभी कस्टमर निकलता है। एक तारीख से कस्टमर अच्छा चल रहा है, भरपूर है, सुबह से शाम तक के काम कर रहे हैं, रात दो बज जाते हैं काम करते-करते।”
“इस बार पिछले कुछ वर्षों में, कोरोना के बाद से इस बार अच्छा काम है और अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं। इस बार वेराइटी कुछ अलग है, कुछ डिजिटल डिजाइंस हैं, कुछ फोटो प्रिंट्स हैं। जो पहले खाली ऑरेंज कलर चलता था, अब कलरफुल माल बिक रहे हैं, तो उसमें कलरफुल ड्रेसेज बन रही हैं जो कांवड़ियों को बहुत पसंद आ रही हैं और आस-पास के जनपदों में, आस-पास के राज्यों में काफी सप्लाई है और आशा करता हूं कि बहुत अच्छा रहेगा सीजन इस बार।”
व्यापारियों का कहना है कि “आजकल कांवड़ा का काम अच्छा चल रहा है। हिंदू-मुस्लिम भाई सब मिलकर काम कर रहे हैं। मियां भाई भी सब बेचते हैं। नेकर भी है, अंगोछा भी है और बेल्ट भी है और पैरों की वो अटिया भी है और सब कुछ है और अच्छा काम चल रहा है। आजकल अच्छा काम, भीड़भाड़ अच्छी चल रही है। रौनक बढ़िया है, काम अच्छा है। हम कई सालों से काम कर रहे हैं, यही कांवड़ा का काम करते हैं। हम सन 75 से काम यही कर रहे हैं।”
खास बात है कि कांवड़ यात्रा से जुड़े कई सामान मुस्लिम कलाकार तैयार कर रहे हैं, यह आपसी भाईचारे की शानदार मिसाल है, कांवड़ यात्रा शिव भक्तों की सालाना यात्रा होती है। यात्रा हिंदू कैलेंडर के पवित्र महीने सावन में की जाती है, इस दौरान श्रद्धालु गंगा और दूसरी पवित्र नदियों का पानी भगवान शिव को चढ़ाते हैं।