kanpur Park: कानपुर का चिड़ियाघर इन दिनों Siberian Birds से हुआ गुलजार

Kanpur Park: उत्तर प्रदेश के कानपुर का चिड़ियाघर इन दिनों साइबेरिया और मध्य एशिया से आए प्रवासी पक्षियों से गुलजार है। वैसे ऐसा हर साल होता है जब इस मौसम में विदेशी मेहमान कानपुर आते हैं। ये पक्षी अपने मूल क्षेत्रों में पड़ने वाली ज्यादा सर्दियों से बचने के लिए भारत आते हैं। उन देशों में तापमान जीरो से काफी नीचे चला जाता है। सर्दियों के महीनों के दौरान हजारों किलोमीटर की यात्रा करके विदेशी पक्षी यहां आते हैं।

चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक कानपुर चिड़ियाघर के भीतर 18 हेक्टेयर जमीन सर्दियों के मौसम में पक्षियों के लिए घोंसला बनाने और प्रजनन के लिहाज से काफी अच्छी है। प्रवासी पक्षी आम तौर पर मार्च तक चिड़ियाघर के आसपास रहते हैं। इससे कानपुर चिड़ियाघर पक्षी प्रेमियों, प्रकृति प्रेमियों और लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है।

कानपुर चिड़ियाघर के पशु अधिकारी, डॉ अनुराग सिंह का कहना हैं कि,”जैसे ही सर्दियां शुरू होती हैं, नवंबर के अंत से और कभी-कभी तो मध्य नवंबर से यहां पर विदेशी पक्षियों का आवागमन शुरू हो जाता है। ये जो प्रवासी पक्षी हैं, ये साइबेरिया जो ठंडी जगह है उस तरह से ये लोग आना शुरू करते हैं और ये लगभग तीन से चार हजार, पांच हजार किलोमीटर की यात्रा करके हमारे भारतवर्ष में मेहमान बनकर आते हैं।”

“ये जो हमारे यहां जू जो है, ये नेचुरल फॉरेस्ट है और इसमें 18 हेक्टेयर में हमारी एक लेक है, नेचुरल लेक है कानपुर शहर में। ये जो वेटलैंड है ये इनके लिए एक बहुत अच्छा अवसर उपलब्ध कराता है इनको ब्रीडिंग के लिए, इनके नेस्टिंग के लिए। तो ये जो पक्षी आते हैं ये अपनी नेस्टिंग यहां करते हैं, घोसले बनाते हैं और अंडे देते हैं और इन्हीं में बच्चों को ग्रो करके ये डेवलप होकर के यहां से जब जाड़ा खत्म होता है, जनवरी, फरवरी, मार्च के आसपास, तो ये…, जब इनका क्लाइमेट जो होता है, इनको फेवर करता है, तो यहां से वो उड़कर वापस अपने देश को, जहां से आए हैं, वहां के लिए निकल जाते हैं।”

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