India-Pak Tension: देश की एकता और अखंडता की मिसाल पेश करते हुए अयोध्या के मुसलमानों ने टाट शाह मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद भारतीय सेना की सलामती और आतंकवाद के खात्मे के लिए विशेष दुआ की। मस्जिद में मौजूद नमाजियों ने साफ संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में वे पूरी तरह से अपने देश के साथ खड़े हैं। इस मौके पर मस्जिद के इमाम और अन्य मौलवियों ने कहा कि इस्लाम शांति, भाईचारे और मानवता का धर्म है, और आतंकवाद का इससे कोई संबंध नहीं है।
इमाम ने कहा, “हमने जुमे की नमाज के बाद देश की सुरक्षा, शांति और सैनिकों की हिफाजत के लिए दुआ की है। अगर कोई भी मुल्क, चाहे वो पाकिस्तान हो या कोई और, भारत की तरफ बुरी नजर डालता है या आतंक फैलाता है, तो हम उसका विरोध करेंगे। हम देश के साथ हैं।” एक स्थानीय मुस्लिम युवक ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमने सेना के जवानों के लिए दुआ की है। अगर कोई भी हमारे देश के खिलाफ आतंकवादी हरकत करेगा तो हम सब मिलकर उसका जवाब देंगे। भारत हमारा वतन है, इसकी हिफाजत करना हमारा फर्ज है।”
यह केवल अयोध्या तक सीमित नहीं रहा। रिपोर्टों के अनुसार, लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, हैदराबाद, और मुंबई समेत देश के विभिन्न हिस्सों में भी जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों में भारतीय सेना और देश की अखंडता के लिए दुआएं की गईं। कई मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए कहा कि भारत में रहने वाले मुसलमान किसी भी देशविरोधी गतिविधि का समर्थन नहीं करते, और वे हर मोर्चे पर देश के साथ खड़े हैं।
भारत में मुस्लिम समुदाय लंबे समय से देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक रहे हैं। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक हर मौके पर मुस्लिम समाज ने देश की रक्षा और उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह घटना भी उसी श्रृंखला की एक कड़ी है, जिसमें देश के मुसलमान न सिर्फ शांति की बात कर रहे हैं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार और सेना को अपना नैतिक समर्थन भी दे रहे हैं।