Etawah: विश्व तेंदुआ दिवस चार मई को पूरी दुनिया में मनाया गया। ये दिन तेंदुओं के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। उत्तर प्रदेश का इटावा सफारी पार्क तेंदुओं की सुरक्षा और उन्हें सुरक्षित आवास प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रहा है। पार्क में वर्तमान में कई तेंदुए और शावक हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिन्हें मानव-आबादी वाले क्षेत्रों से बचाया गया है और कुछ ऐसे हैं जिन्हें उनकी मां ने छोड़ दिया है।
सफारी पार्क में इन बचाए गए शावकों की चिकित्सा देखभाल, उचित पोषण और करीबी निगरानी की जाती है ताकि उन्हें बढ़ने और विकसित होने में मदद मिल सके। इटावा सफारी पार्क तेंदुओं को पनपने के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करके उनकी रक्षा करने में मदद कर रहा है। इसके साथ ही एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बनने के लिए भी काम कर रहा है।
इटावा सफारी पार्क के निदेशक अनिल पटेल ने कहा, “लोगों को, लेपर्ड्स को कैसे कंजर्व किया जाए, इसके बारे में जागरूक करते हैं। आने वाली पीढ़ियां जो हैं, लेपर्ड्स को देख सकें इसके लिए हम लोग निरंतर प्रयास कर रहे हैं। यद्यपि उत्तर प्रदेश में इस समय लेपर्ड की संख्या काफी ज्यादा हो गई है और कई जिले ऐसे हैं, जैसे बिजनौर है, बहराइच है, लखीमपुर खीरी है और उसके आसपास के जो क्षेत्र हैं वहां उनकी संख्या बढ़ने से कभी-कभी मदर जो है, बच्चों को छोड़ दे रही है। उन बच्चों को हम लोग जू में भेजते हैं या यहां इटावा सफारी में लेके आते हैं।”
“हमारे यहां 20 लेपर्ड प्रेजेंट टाइम में हैं। छोटे-छोटे बच्चे जो है, लेपर्ड्स के पांच हैं, जिनको हम लोग अभी रेयर कर रहे हैं। जैसे ही ये बच्चे बड़े होंगे, तो इनको भी हम सफारी में छोड़ के पब्लिक को दिखाएंगे। ये अच्छा अट्रैक्शन जो है, पर्यटकों के लिए है यहां पे।”
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