Dev Deepawali: काशी के नाम से मशहूर आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में पांच नवंबर को गंगा के किनारे देव दीपावली मनाई जाएगी, इसको लेकर दशाश्वमेध घाट पर बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है।
इस साल वाराणसी में देव दीपावली का कार्यक्रम खास होगा, इसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत का परचम लहराने वाली भारतीय सेना के शौर्य को खास तौर पर याद किया जाएगा।
गंगा समाज के अध्यक्ष प्रशांत ने कहा कि “तैयारियां जो हैं वो लगभग पूर्णत: की ओर हैं। हमारी जो भव्य रूप से जो भगवती मां गंगा की महाआरती होती है, जिसमें 21 ब्राह्मणों द्वारा और 42 देव कन्याओं द्वारा भगवती मां गंगा की महाआरती होती है और इस वर्ष जो है हम लोग पांच अमर बलिदानियों को जो है भागीरथ शौर्य सम्मान से अलंकृत कर रहे हैं और उनके परिवार जनो को जो है वो एक-एक लाख रुपये की जो है सहायता धनराशि भी जो है शहीद परिवार को हम लोग संस्था द्वारा जो है उपलब्ध करवाते हैं। इस वर्ष का जो हमारा पूरा कार्यक्रम है वो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित रहेगा।”
सीनियर पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, प्रोग्राम की भव्यता को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। जवानों की तैनाती के साथ-साथ ड्रोन सर्विलांस भी लगाए जाएंगे।
काशी जोन के एडिशनल सीपी टी. सरवन ने बताया कि “ये देव दीपावली है वाराणसी में पांच नवंबर को आयोजित किया जा रहा है, जिसमें लाखों की संख्या में लोग आते हैं, श्रद्धालु आते हैं और उनका सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगभग 2500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों का तैनाती किया जा रहा है।
जिनको 10 जोन, 21 सेक्टर और 36 उप-सेक्टरों में विभाजित करके सबको ड्यूटी लगाई गई है और नदी क्षेत्र को कुल 14 सेक्टर में विभाजित करके ड्यूटियां लगाईं, जिसमें एनडीआरएफ, जल पुलिस और … का डिप्लॉयमेंट रहेगा। इसके अतिरिक्त हमारा जो ड्रोन टीम है कुल 10 ड्रोन को इस्तेमाल कर रहे हैं। जो घाट एरिया है और भीड़-भाड़ इलाके में लगातार एरियल सर्विलांस होगा।”
स्थानीय प्रशासन भी तत्पर है, अधिकारी नाविकों को जागरूक कर रहे हैं ताकि वो कार्यक्रम में आने वाले लोगों की सुरक्षा का खास ध्यान रख सके। देव दीपावली को भव्य बनाने के लिए वाराणसी के घाटों पर हजारों मिट्टी के दीये जलाए जाएंगे। साथ ही कार्यक्रम वाली जगह को 21 लाख टन फूलों से सजाया जाएगा। कार्यक्रम में एक स्पेशल लेजर शो भी होगा।