CM Yogi: मुख्यमंत्री योगी ने लखीमपुर खीरी को दी विकास की सौगात

CM Yogi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी को विकास की नई सौगात दी। उन्होंने राजेंद्र गिरि स्मारक स्टेडियम में 1622करोड़ की 373 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया, साथ ही मुख्यमंत्री ने ‘छोटी काशी’ गोला गोकर्णनाथ शिव मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी अब पिछड़ा जनपद नहीं है, बल्कि यहां की उर्वरा धरती सोना उगलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश आजाद हुआ था तो लखीमपुर खीरी विकास में बहुत पीछे थे। मलेरिया यहां भय का प्रतीक होता था। दूधवा नेशनल पार्क था, लेकिन वहां पहुंचने का साधन नहीं थे। अब पलिया में एयर स्ट्रिप को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने का पैसा भी दिया गया है। सरकार यहां के बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसके लिए बाढ़ बचाओ के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने या नदी को चैनलाइज करने की कार्रवाई होगी, इसमें एनजीटी या किसी प्रकार की बाधा नहीं होगी। डबल इंजन सरकार यहां स्प्रिचुअल, ईको टूरिज्म समेत विकास को इतना बढ़ाएगी कि रोजगार की कमी नहीं रहेगी, उन्होंने कहा कि प्रदेश में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़े जिलों में शामिल लखीमपुर खीरी की उर्वरा धरती सोना उगलती है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लखीमपुर खीरी अब पिछड़ा जनपद नहीं है। आज इस जनपद में लगभग 4500 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास हुआ है। इसमें गोला गोकर्णनाथ मंदिर का कॉरिडोर और बलरामपुर चीनी मिल लिमिडेट द्वारा लगाया गया देश का पहला पीएलए प्लांट (बायो प्लास्टिक निर्माण) भी शामिल है। कुम्भी में 2850 करोड़ के प्लास्टिक प्लांट का भी शिलान्यास करके यहां आया हूं। आज लखीमपुर के पास केवल दूधवा नेशनल पार्क ही नहीं, बल्कि यहां मेडिकल कॉलेज का शुभारंभ भी किया जा रहा है। विकास की ढेर सारी परियोजनाएं लखीमपुर खीरी के लोगों के जीवन को सुगम बनाएगी और रोजगार सृजन भी करेगी, यह सब मोदी जी के मार्गदर्शन में सरकार के सहयोग व जनप्रतिनिधियों के प्रयास से हुआ है।

सीएम ने कहा कि पहले इसे कनेक्टिविटी के साथ नहीं जोड़ा था। बहराइच-मैलानी के बीच रेलवे लाइन चलेगी, बंद होगी, यह उहापोह रहती थी, लेकिन हमने कहा कि पैसा जितना लगेगा, देंगे, पर्यटन के लिए इसे आगे बढ़ाना चाहिए। विश्वास है कि रेलवे इस दिशा में जो सकारात्मक कदम बढ़ा रही है, यह टूरिज्म की दिशा में नए युग की शुरुआत को आगे बढ़ाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि थारू जनजाति से जुड़ी बहनों के द्वारा अपनी संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के साथ-साथ जिस प्रकार के उत्पाद को आगे बढ़ाया गया है, उसकी चर्चा प्रधानमंत्री मोदी जी भी करते हैं।

उन्होंने कहा कि यहां के हर जनप्रतिनिधि विकास की योजनाओं से जुड़े हैं। अनवरत विकास के पथ पर अग्रसर इस जनपद में योग्य जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में जनता की बुनियादी सुविधाएं, रोजगार की उपलब्धता, विकास की नई परियोजनाओं को तेज गति से बढ़ाया जा रहा है। कोई मेडिकल कॉलेज, कोई एयरस्ट्रिप को एयरपोर्ट के रूप में विकास करने, कोई दूधवा नेशनल पार्क को ईको टूरिज्म की दृष्टि से विकसित करने, कोई पीएलए प्लांट लाने, कोई गोला गोकर्णनाथ के व्यवस्थित कॉरिडोर के निर्माण-विकास, रोजगार के सृजन तो कोई कनेक्टिविटी को लेकर उत्साहित भाव के साथ कार्यक्रम आगे बढ़ा रहा है। यह बताता है कि आने वाले समय में लखीमपुर खीरी इन सभी संभावनाओं को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के विकसित जनपदों में से एक होगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की क्षमता का आकलन करना हो तो प्रयागराज महाकुम्भ ही पर्याप्त है, 13 जनवरी से 22 फरवरी (अभी तक) 60 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की पावन डुबकी लगाई है। यह उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य को देश-दुनिया के सामने रखता है। एक निश्चित समय सीमा के अंदर इतने लोग एक स्थल पर अन्यत्र कहीं एकत्र नहीं हो सकते। यह केवल प्रयागराज व उत्तर प्रदेश में हो सकता है, जिसका लोहा पूरी दुनिया मान रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व में महाकुम्भ दिव्य-भव्य तरीके से आगे बढ़ रहा है। जिन लोगों को विकास, देश-प्रदेश का सामर्थ्य अच्छा नहीं लगता, वे लगातार नकारात्मक टिप्पणी कर बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन देश और सनातन धर्म के अनुयायियों ने दिखा दिया कि अनुकूल परिस्थितियां होंगी तो अपनी विरासत को गौरव के साथ बढ़ाने का कार्य करेंगे। सीएम ने कहा कि जो हर मामले में नकारात्मक टिप्पणी करते हैं, हर अच्छे कार्य पर प्रश्न खड़ा करते हैं और हर अच्छे कार्यक्रम के मार्ग में बैरियर बनते हैं। प्रयागराज महाकुम्भ ने ऐसे विरोधियों को आईना दिखाया है विकास का कोई विकल्प नहीं हो सकता। विकास होगा तो रोजगार सृजन होगा। हर हाथ को काम मिलेगा तो आत्मनिर्भरता आएगी, जो विकसित भारत की आधारशिला बनेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा गोकर्णनाथ के पावन कॉरिडोर को बनाने के लिए बहुत सारे परिवारों को विस्थापित और दुकानों को हटाना पड़ा है। सीएम ने प्रशासन को निर्देश दिया कि जिनके घर गए हैं, उन्हें आवास मिलना चाहिए। जिनकी दुकान गई है, उन्हें व्यवस्थित तरीके से दुकानें बनाकर आवंटित की जाएं। सरकार का उद्देश्य किसी को उजाड़ना नहीं, बल्कि सुंदरीकरण के साथ लोगों के जीवन को सुगम बनाना है और सरकार इस दिशा में कार्य करते हुए आगे बढ़ रही है।

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