Chhath Puja: यूपी-बिहार में पवित्र स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु, नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ महापर्व

Chhath Puja: चार दिन के छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है, उत्तर प्रदेश और बिहार में लाखों श्रद्धालु सुबह जल्दी उठकर छठ पूजा उत्सव में शामिल दिखे। लोग पूजा-अर्चना करने और सूर्यदेव का आशीर्वाद लेने के लिए जलाशयों पर उमड़ पड़े।

छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय अनुष्ठान होता है। इसमें घर की महिलाएं पवित्र स्नान करती हैं और पूरे घर के लिए साधारण भोजन तैयार करती हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कई महिलाओं ने अपने परिवार के साथ त्रिवेणी संगम पर स्नान किया।

पुजारी के मुताबिक छठ महत्वपूर्ण पर्व है। चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के दौरान महिलाएं 36 घंटे का उपवास रखती हैं और परिवार के स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। बिहार के पटना में भी गंगा के किनारे भी आस्था का सैलाब दिखा। सैकड़ों श्रद्धालु सुबह की पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे।

उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ मंगलवार यानी 28 अक्टूबर को छठ पर्व का समापन हो जाएगा। छठ पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है।

नहाय-खाय का महत्व
छठ पूजा में नहाय-खाय पर्व की शुरुआत होती है और इसे अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन व्रती प्रातःकाल उठकर तालाब, नदी या घर पर स्नान करते हैं। स्नान के समय व्रती अपने शरीर और मन को पूरी तरह शुद्ध करते हैं ताकि वह छठ पूजा के दौरान भक्ति, श्रद्धा और संयम के साथ अपने व्रत का पालन कर सकें।

नहाय-खाय का मुख्य उद्देश्य व्रती को सात्विक आहार ग्रहण करने के लिए तैयार करना है। इस दिन व्रती हल्का, पौष्टिक और शुद्ध भोजन करते हैं, जो उनके शरीर को ऊर्जा देता है और उन्हें मानसिक रूप से भी स्थिर और सकारात्मक बनाता है। सात्विक भोजन का सेवन करने से न केवल शरीर को लाभ मिलता है, बल्कि यह धार्मिक रूप से भी पूजा की पवित्रता बनाए रखने में मदद करता है।

इसके अलावा नहाय-खाय व्रतधारी को छठ पूजा की पूरी प्रक्रिया के लिए मानसिक और आध्यात्मिक रूप से तैयार करता है। यह दिन व्रती के अंदर सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन का संचार करता है, जिससे वह चारों दिन के उपवास और सूर्य देव व छठी मैया की पूजा-अर्चना को पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ कर सके

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