Brahmos: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक कलाकार, कुंज बिहारी सिंह, ने भारतीय सेना के शौर्य और बहादुरी को सम्मानित करते हुए सोने-चांदी से बनी ब्रह्मोस मिसाइल की एक अनोखी प्रतिकृति तैयार की है। इस प्रतिकृति का निर्माण खास तौर पर भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया है, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ भारी सैन्य कार्रवाई की थी।
कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि उन्होंने गुलाबी मीनाकारी के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का मॉडल तैयार किया है। यह गुलाबी रंग विशेष रूप से सोने के ऑक्साइड से तैयार किया गया है। इसके अलावा, इस मिसाइल के निर्माण में अन्य रंग भी शामिल हैं, जैसे व्हाइट, टाइटेनियम, ग्रीन, कॉपर, यलो, ब्राउन, मैग्नीशियम और ब्लू, जो विभिन्न धातुओं के ऑक्साइड से बनाए गए हैं। सिंह का कहना है, “ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना ने जो साहसिक कदम उठाए, उस पर गर्व करते हुए मैंने इस मिसाइल को तैयार किया। जब से मैंने इसे बनाना शुरू किया है, मुझे अब तक 150 ऑर्डर मिल चुके हैं, और उम्मीद है कि आगे और ऑर्डर आएंगे।”
कुंज बिहारी सिंह के इस निर्माण कार्य में विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इन प्रतिकृतियों को बनाने के लिए 850 डिग्री की गर्मी पर हीट करके सोने और चांदी से तैयार किया गया है। हर एक प्रतिकृति को बड़े सावधानी से तैयार किया गया है ताकि यह भारतीय सेना के शौर्य और ताकत को सही रूप में व्यक्त कर सके। कुंज बिहारी सिंह की बनाई ब्रह्मोस मिसाइल की प्रतिकृतियां दो आकारों में उपलब्ध हैं। छोटी प्रतिकृति की कीमत लगभग 10,000 रुपये है, जबकि बड़ी प्रतिकृति की कीमत 25,000 रुपये तक है।
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की एक महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के 11 प्रमुख एयरबेसों को नष्ट कर दिया था। यह कार्रवाई भारतीय सेना की ताकत और रणनीति को दर्शाती है और इसे पूरे विश्व में सराहा गया। कुंज बिहारी सिंह का कहना है कि उनकी इस कला के माध्यम से वह भारतीय सेना के शौर्य को सम्मानित करना चाहते हैं और दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि भारतीय सेना अपनी बहादुरी और समर्पण के लिए हमेशा प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी। इस अद्भुत कला के निर्माण के बाद, कुंज बिहारी सिंह को सेना और अन्य संगठनों से व्यापक प्रशंसा मिली है। उनके इस कार्य से न केवल भारतीय सेना का शौर्य सम्मानित हुआ है, बल्कि कला की दुनिया में भी एक नया मुकाम हासिल हुआ है।