Ayodhya: अयोध्या के रामसेवकपुरम में भगवान राम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक उनके जीवन से जुड़ी कई मूर्तियां बनाई जा रही हैं। उन्हें राम मंदिर के गलियारे में रखा जाएगा। असम के मूर्तिकार रंजीत मंडल 2013 से अकेले इन मूर्तियों को बना रहे हैं। इस काम में किसी और मूर्तिकार को शामिल ना करने की वजह है। उन्हें अपनी शैली से मेल खाता कोई मूर्तिकार नहीं मिला।
रंजीत मंडल का कहना है कि मूर्तियां ऐसे सामानों से बनाई जा रही हैं और इस प्रकार डिजाइन की गई हैं कि 100 साल तक खराब नहीं होंगी। रंजीत ने बताया कि करीब 500 मूर्तियां बनाने की योजना है। इन्हें पूरा होने में दो से तीन साल लगेगा। इसके बाद इन्हें राम मंदिर के अंदर गलियारे में रखा जाएगा।
मूर्तिकार का कहना है कि ” बाल राम से लेकर मने जन्म से लेकर, जन्म से पहले पुत्रष्ठि यज्ञ था, जन्म होने के बाद, फिर ये गुरु गृह जाना, ताड़का वध, सुबाहु वध, उसके बाद अहिल्या उद्धार, जानकी जी का जन्म पुष्प वाटिका, ऐसा करके वनवास, ऐसा करते-करते निर्माण करते जा रहे हैं सब। अभी बाकी है, हनुमान लंका तक गया है, चला गया है। ये है सीमेंट, सरिया, गिट्टी, स्टील तार, स्टील जाली, केमिकल। इसमें हमने मोल्ड का यूज नहीं किया, डायरेक्ट है सब, जिसमें मूर्ति का भाव, एक्स्प्रेशन का ध्यान रखते हुए किया गया है, दो शैली में किया गया है बंगाल शैली और अवध शैली के ऊपर।”