Ayodhya: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या पहुंचे हैं और राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराएंगे, जो इसके निर्माण के पूरा होने का प्रतीक होगा। राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भगवा ध्वज फहराएंगे। राम और मां सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त में ध्वजारोहण होगा। इस ध्वज में चमकते सूर्य और कोविदारा पेड़ की तस्वीर होगी। ‘ॐ’ लिखा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ऐतिहासिक ध्वजारोहण से पहले माता अन्नपूर्णा मंदिर में पूजा-अर्चना की. जानकारी के अनुसार दोपहर करीब 12 बजे प्रधानमंत्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराएंगे, जो मंदिर के निर्माण के पूरा होने और सांस्कृतिक उत्सव और राष्ट्रीय एकता के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान में कहा गया है कि समकोण त्रिभुजाकार ध्वज की ऊंचाई 10 फुट और लंबाई 20 फुट है। इस पर एक दीप्तिमान सूर्य की तस्वीर है जो भगवान राम के तेज और वीरता का प्रतीक है। इस पर ‘ॐ’ अंकित है और कोविदार वृक्ष की तस्वीर भी है।
पीएमओ ने कहा कि पवित्र भगवा ध्वज गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा और राम राज्य के आदर्शों का प्रतीक होगा। बयान के अनुसार यह ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर वास्तुशैली में निर्मित ‘शिखर’ के शीर्ष पर फहराया जाएगा, जबकि इसके चारों ओर 800 मीटर लंबा परकोटा दक्षिण भारतीय वास्तुशैली में डिजाइन किया गया है, जो मंदिर की वास्तुशिल्प विविधता को दर्शाता है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री लोगों को संबोधित करेंगे। पीएमओ के बयान में कहा गया है, “यह कार्यक्रम मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी तिथि को होगा, जब श्री राम और मां सीता की विवाह पंचमी का अभिजीत मुहूर्त भी है।” पीएमओ के बयान के अनुसार, यह तिथि नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी, के शहादत दिवस के साथ भी मेल खाती है, जिन्होंने 17वीं सदी में अयोध्या में लगातार 48 घंटे ध्यान लगाया था। इससे इस दिन का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है।
बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को धर्म ध्वजा फहरा कर हिंदू अनुष्ठान संपन्न करेंगे। शास्त्रीय परंपरा में ध्वज आरोहण को अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना गया है। पीएमओ के बयान के अनुसार, मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण के आधार पर भगवान राम के जीवन से जुड़ी घटनाओं को दर्शाती 87 जटिल नक्काशी पत्थर पर उकेरी गई हैं। इसके अनुसार साथ ही घेरे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति के 79 कांस्य-निर्मित दृश्य हैं।
बयान के अनुसार, ये सभी तत्व मिलकर सभी आगंतुकों के लिए एक सार्थक और शैक्षिक अनुभव प्रदान करते हैं, जो भगवान राम के जीवन और भारत की सांस्कृतिक विरासत की गहरी समझ देते हैं।