Ayodhya: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में उल्लेखनीय बदलाव हो रहे हैं, सरयू नदी घाट आध्यात्मिक और दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की देखरेख में विकसित हो रहे घाट में पारंपरिक मंदिर शैली की वास्तुकला है। इसकी दीवारों पर भगवान राम के जीवन के जुड़े भित्ति चित्र बने हैं।
अयोध्या नगर निगम के महापौर ने बताया कि पुजारियों के पूजा-अर्चना के जगह भी बनाए गए हैं। अयोध्या नगर निगम के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश में उन्होंने अयोध्या के घाटों को बहुत सुंदर करने का संकल्प लिया। इस दृष्टिकोण से पूरे घाटों को यूपीपीसीएल बना रहा है।
इसमें जो हमारे तीर्थ पुरोहित हैं उनके बैठने की अलग से व्यवस्था और पूजा-पाठ कहां करा सकते हैं उसकी व्यवस्था, उनके आरती करने की व्यवस्था, जैसे तीर्थों में पवित्र नदियों के तट पर लोग गोदान करते हैं तो गायों को खड़ी करने की अलग से व्यवस्था, अन्य जो वहां पर तीर्थयात्री आते हैं, उनके बैठने की व्यवस्था, सुंदर वो जो जाली बनी है, झांकियां बन रही हैं।”
अधिकारियों ने बताया कि इस पहल का मकसद न सिर्फ अयोध्या को खूबसूरत बनाना, बल्कि मंदिर शहर को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के रूप में स्थापित करना भी है।
सरयू नित्य आरती के अध्यक्ष शशिकांत दास ने बताया कि “निश्चित रूप से माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार का विजन, सोच अयोध्या को निरंतर, उत्तरोत्तर विकास की ओर ले जाना उनका प्रथम प्रयास भी है और प्रथम लक्ष्य भी है। ऐसे तो पूरे उत्तर प्रदेश को गरिमामयी, महिमामयी बना ही रहे हैं, किंतु अयोध्या, काशी, चित्रकूट, मथुरा मुख्य आकर्षण का केंद्र विंदु है, परंतु अयोध्या को विशेष रूप से सजाने और संवारने का कार्य हमारे मुख्यमंत्री जी कर रहे हैं, जिसमें आरती स्थल को भव्य दिव्य रूप प्रदान किया जा रहा है।”
उम्मीद है कि इस बदलाव के बाद अयोध्या दुनिया भर के तीर्थयात्रियों और सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। ये बदलाव शहर की समृद्ध विरासत को जीवंतता और आधुनिकता के साथ पेश करेंगे।