Ayodhya: विवाह पंचमी से पहले भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह का जश्न मनाने के लिए मंगलवार को भव्य बारात उत्तर प्रदेश के अयोध्या से नेपाल के लिए रवाना हुई। बारात जनकपुर जा रही है, जिसे मां सीता का जन्मस्थान माना जाता है, विवाह पंचमी के दिन यानी छह दिसंबर को बारात जनकपुर पहुंचेगी। मान्यता है कि नेपाली कैलेंडर के अनुसार, इसी दिन त्रेता युग में भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था।
बारात में अयोध्या से करीब 500 साधु शामिल होते हैं, हजारों श्रद्धालु बाराती बनकर इसमें हिस्सा लेते हैं और जानकी मंदिर में प्रसाद चढ़ाते हैं, इस बार जनकपुर में इस यात्रा में लगभग पांच लाख भक्तों के जुड़ने की उम्मीद है।
आयोजक और विश्व हिंदू परिषद के सचिव राजेंद्र सिंह पंकज ने कहा कि “आज दोपहर को अंबेडकरनगर, दोपहर को विश्राम है और रात्रि में आजमगढ़ है। ये यात्रा आठ दिनों में अपने विभिन्न स्थानों पर होती हुई, जनकपुर पहुंचेगी तीन दिसंबर को, चार दिन वहां रहेगी। जो भी विवाह के नेग होते हैं, उसमें सब लोग सम्मलित होंगे, शरीक होंगे और उसके बाद जो है आठ को वहां से चलते हुए वीरगंज होते हुए नौ को यहां अयोध्या वापस आ जाएंगे। ”
श्रद्धालुओ का कहना है कि बहुत सुंदर लग रहा है क्योंकि 2004 से राम बारात की परंपरा विश्व हिंदू परिषद के द्वारा शुरू की गई। हर पांच वर्ष में राम बारात वहां जाती है और जिस समय हम वहां मिथिलांचल में प्रवेश करते हैं तो वो याद आ जाता है, जो राम के समय जो स्थिति रही होगी, उस समय उस क्षेत्र के लोग इतना स्वागत, इतनी व्यवस्थाएं करते हैं कि जिसके बारे में कल्पना नहीं की जा सकती जो सम्मिलित हो गया कि राम के समय का दृश्य प्रदर्शित होता है।”
पुजारी ने बताया कि “जब भगवान के समय पे भगवान का विवाह के बाद जब बाराती जा रहे थे तो ये अयोध्यावासी रंग-बिरंगी में, सजावट में राम के बाराती बन के शामिल हो रहे थे। आज वहीं दृश्य अयोध्या में जब भगवान 500 वर्षों के बाद राजा बन गए तो हम लोग भी उसी तरह बाराती बनके जनकपुर में जा रहे हैं।”