New Delhi: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने एनजेएसी के मुद्दे पर चर्चा के लिए नड्डा और खरगे के साथ बैठक की

New Delhi: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने न्यायिक जवाबदेही और एनजेएसी अधिनियम के मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन के नेता जे. पी. नड्डा और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक की। दोनों नेताओं ने धनखड़ के कक्ष में बातचीत की।

इस संबंध में एक सूत्र ने बताया कि सभापति ने नड्डा और खरगे को बैठक के लिए पत्र लिखा था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के आवास से नकदी बरामद होने का मुद्दा 21 मार्च को उच्च सदन में उठाया था, जिसके जवाब में सभापति धनखड़ की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में यह बैठक बुलाई गई।

सभापति धनखड़ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम के 2014 में पारित होने के बाद न्यायिक नियुक्तियों के लिए एक तंत्र का उल्लेख किया था। उच्चतम न्यायालय ने बाद में इस अधिनियम को रद्द कर दिया था। धनखड़ ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था, “आप सभी को वह प्रणाली याद होगी जिसे इस सदन ने लगभग सर्वसम्मति से पारित किया था। उस पर कोई मतभेद नहीं था। सभी राजनीतिक दल एकजुट हुए थे और सरकार की पहल का समर्थन किया था।”

उन्होंने कहा था, ‘‘मैं यह जानना चाहता हूं कि भारतीय संसद से पारित उस विधेयक की क्या स्थिति है, जिसे देश की 16 राज्य विधानसभाओं ने मंजूरी दी और जिस पर संविधान के अनुच्छेद 111 के तहत माननीय राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किए थे।”

सभापति ने कहा था, “इस देश के संसदीय इतिहास में अभूतपूर्व सहमति के साथ इस संसद द्वारा पारित ऐतिहासिक विधेयक में इस समस्या से निपटने के लिए बहुत गंभीर प्रावधान थे। यदि इस बीमारी को खत्म कर दिया गया होता तो शायद हमें इस तरह के मुद्दों का सामना नहीं करना पड़ता।” धनखड़ ने कहा था कि वह “नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष से चर्चा करेंगे।

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