Myanmar: म्यांमार समेत दक्षिण-पूर्व एशिया में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद, पूरा क्षेत्र इसके विनाशकारी प्रभाव से थर्रा उठा है। सबसे ज्यादा प्रभावित जगहों में 40 साल से ज्यादा पुराना गंगा घाट हिंदू मंदिर है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण जगह है।
दुखद बात ये है कि भूकंप के कारण ऐतिहासिक संरचना खंडहर में तब्दील हो गई है। इसकी भव्य दीवारें ढह गई हैं और गर्भगृह मलबे के ढेर में पड़ा है। स्थानीय पुलिस और एनडीआरएफ टीमों की कोशिशों से बचाव अभियान जारी रहने के बावजूद, बचे हुए लोग भूकंप के बाद के भयावह अनुभवों को याद कर रहे।
हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। भूकंप ने देश के बड़े हिस्से को प्रभावित किया है, जिससे कई इलाकों में बिजली, टेलीफोन और मोबाइल फोन बंद हो गए हैं और सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे तबाही की पूरी तरह से आकलन करना मुश्किल हो गया है।
अब तक की ज्यादातर रिपोर्टें म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले से आई हैं, जो भूकंप के केंद्र के पास था और राजधानी नेपीताव से। भूकंप ने पड़ोसी देश थाईलैंड को भी हिलाकर रख दिया, जिससे निर्माणाधीन एक ऊंची इमारत ढह गई और कई श्रमिक दब गए।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “यह जो 28 तारीख को जब भूकंप आया था, उस समय में पहले थोड़ी सी नीचे दबी तो ऊपर कमरे में सब 30 जने थे, तो वो लोग तो सब भाग गए, दो-तीन लोगों को चोट आई थी और नीचे कमरे में जो रहने वाले थे, उसके अंदर में सब 10 जने फंसे हुए थे।”
“जगह का नाम है गंगा घाट मंदिर, हम लोगों का एरावती नदी के बगल में है और बहुत साल पहले से ही इधर में हम लोग रहते हैं और हिंदू लोग भी बहुत आता है और हम यहां 15 साल से रह रहे हैं। शाम-सुबह जो हम लोगों का वार्षिक पूजा वगैरह होता है, सब मनाया जाता है।”