Budget: बजट का विवरण 2, नई कर व्यवस्था के तहत संशोधित टैक्स स्लैब आपके लिए क्या मायने रखते हैं

Budget: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीदों के अनुरूप बजट में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को पूरी तरह से कर मुक्त किये जाने की घोषणा की, ये छूट नई आयकर व्यवस्था में दी गई है।

मानक कटौती 75,000 रुपये के साथ नौकरीपेशा लोगों को अब 12.75 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कर छूट से मध्यम वर्ग के लोगों के पास खपत के लिए अधिक पैसे बचेंगे। साथ ही निवेश और बचत भी बढ़ेगी। वित्त मंत्री ने इसके साथ अलग-अलग कर स्लैब में भी बदलाव का प्रस्ताव किया।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नई व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय (अर्थात पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर वाली आय को छोड़कर प्रति माह एक लाख रुपये की औसत आय) पर कोई आयकर नहीं देना होगा।”

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, “नए ढांचे से मध्यम वर्ग के करों में काफी कमी आएगी और उनके हाथ में ज्यादा पैसा आएगा, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।”

इस बदलाव के मुताबिक, 12 लाख रुपये प्रति वर्ष से ज्यादा आय वाले लोगों के लिए चार लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा, चार से आठ लाख रुपये के बीच की आय पर पांच प्रतिशत, आठ से 12 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत और 12-16 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत टैक्स लगेगा। 16 से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत, 20 से 24 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत और 24 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 प्रतिशत इनकम टैक्स लगाया जाएगा।

वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने नई व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को पूरी तरह से कर मुक्त किए जाने की घोषणा की। इससे 80 हजार रुपये की बचत होगी। वहीं 18 लाख रुपये सालाना आय पर 70 हजार रुपये की बचत होगी, 25 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को 1.10 लाख रुपये का लाभ मिलेगा।

12 लाख रुपये की सालाना आय वाले करदाता को 80,000 रुपये का लाभ

18 लाख रुपये की सालाना आय वाले करदाता को 70,000 रुपये का फायदा

25 लाख रुपये की सालाना आय वाले व्यक्ति को 1.10 लाख रुपये का लाभ

चार लाख रुपये तक की सालाना आय
(प्रति वर्ष) – शून्य (टैक्स)

चार से आठ लाख रुपये तक की सालाना आय (प्रति वर्ष) – 5 प्रतिशत (टैक्स)

आठ से 12 लाख रुपये तक की सालाना आय (प्रति वर्ष)- 10 प्रतिशत (टैक्स)

12 से 16 लाख रुपये के बीच की सालाना आय (प्रति वर्ष)- 15 प्रतिशत (टैक्स)

16 से 20 लाख रुपये के बीच की सालाना आय (प्रति वर्ष)- 20 प्रतिशत (टैक्स)

20 से 24 लाख रुपये के बीच की सालाना आय (प्रति वर्ष)- 25 प्रतिशत (टैक्स)

24 लाख रुपये से ज्यादा सालाना आय (प्रति वर्ष)- 30 प्रतिशत (टैक्स)

 

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