IndiGo flight: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने 400 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं और विभिन्न हवाई अड्डों पर बड़ी संख्या में उड़ानों में विलंब हुआ। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उड़ानों में लंबे समय तक देरी के कारण हवाई अड्डों पर सैकड़ों यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
सूत्रों ने को बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर प्रस्थान और आगमन सहित 220 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि बेंगलुरू हवाई अड्डे पर 100 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। सूत्रों ने बताया कि हैदराबाद हवाई अड्डे पर 90 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। अन्य हवाई अड्डों पर भी उड़ानें रद्द की गईं और कई उड़ानों में विलंब हुआ।
इंडिगो केबिन क्रू की समस्याओं और अन्य कारणों से परिचालन संबंधी व्यवधानों से जूझ रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) पिछले कुछ दिनों से इंडिगो की उड़ान बाधाओं से संबंधित स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। इंडिगो ने गुरुवार को विमानन नियामक डीजीसीए को बताया कि उड़ान संचालन 10 फरवरी, 2026 तक पूरी तरह से स्थिर होने की उम्मीद है।
उड्डयन जानकारों ने नीतियों में बदलाव की सिफारिश की है। इनमें यात्रियों के लिए अनिवार्य मुआवजा और व्यवधानों की जिम्मेदारी तय करने के लिए मानदंड बनाना शामिल हैं। इस बीच, डीजीसीए ने कहा है कि वो उड़ान में व्यवधान की जांच कर रहा है। एयरलाइन से मौजूदा हालात की वजह के साथ-साथ उड़ान रद्द होने से रोकने के लिए अपनी योजना देने को कहा गया है।
एवियालाज कंसल्टेंट्स उड्डयन के जानकार और सीईओ संजय लजर ने कहा कि “कुछ जवाबदेही तय होनी चाहिए। हम डीजीसीए से ये उम्मीद नहीं कर सकते कि वो हर छह महीने में एफडीटीआई (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) कार्ड को सिर्फ इसलिए स्थगित कर दे, क्योंकि कोई एयरलाइन इसे लागू नहीं करना चाहती। ये सुरक्षा, यात्रियों और पायलट क्रू के हित में उठाया गया कदम है। हमें इसे सख्ती से लागू करना होगा। भारत में यूरोप या ब्रिटेन की तरह मजबूत यात्री चार्टर की जरूरत है। मुआवजे और हर चीज का विस्तृत विवरण होना चाहिए। ये तत्काल होना चाहिए, अन्यथा कानूनन दंड देना चाहिए।”
यात्रियों का कहना है कि “हम दो घंटे से यहां खड़े हैं, इस उम्मीद में कि हमें टिकट मिल जाएगा। अगर मुझे अभी टिकट नहीं मिला, तो मुझे अपनी फ्लाइट भी कैंसिल करनी पड़ेगी और पैसे कौन लौटाएगा? ये लोग कुछ नहीं कर रहे हैं।
“जब रिफंड के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वे दो दिन बाद की फ्लाइट देंगे, जबकि हमें आज ही यात्रा करनी है और वे दो दिन बाद की फ्लाइट दे रहे हैं। मुझे कल वापस लौटना था। आने-जाने का खर्चा गड़बड़ा गया है। जिस टिकट की कीमत 4000 रुपये है, उसे हमें 5000 रुपये में खरीदना पड़ा। मेरे पैसे तो डूब ही गए हैं और कंपनी वापस भी नहीं करेगी।”