उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा प्रचंड बहुमत हासिल की है तो वहीं कांग्रेस को एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है। कांग्रेस की झोली में मात्र 19 सीटें आई हैं। जिसके बाद आज शनिवार को पत्रकारवार्ता कर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने विधानसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी ली।
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने आम अपना दु:ख जाहिर करते हुए कहा की कांग्रेस पार्टी ने पांच साल में जनता की आवाज को बुलंद के साथ उठाया। इसके बावजूद भी चुनाव के नतीजे हमारे पक्ष में नही रहे। शायद हम भाजपा सरकार की हकीकत को आम जनता को नहीं समझा पाए। हमारे वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने हार की जिम्मेदारी ली और मैं भी खुद को उनके साथ जोड़ता हूं। उन्होंने कहा की इस चुनाव में प्रदेश की जनता के सामने एक बड़ा मौका था बावजूद इसके यह मौका आम जनता के हाथ से चला गया है। हमने कई संकल्प किये थे और उन्हें पूरा करने के लिए हम तैयार भी थ
प्रेस वार्ता के वक्त जब गणेश गोदियाल से उनकी हार के बारे में पूछा गया तो वो भावुक हो गए। उन्होंने कहा की जब मैं 200 वोट से पीछे हो गया तो मैंने काउंटिंग स्थल को ही छोड़ दिया। राठ क्षेत्र के लिए मैंने बहुत कुछ किया। अपने धन से वहां पर एक कॉलेज बनवाया सब कुछ किया लेकिन जनता ने मुझे प्यार नही दिया। उन्होंने भावुक होकर कहा की गणेश गोदियाल ने मुंबई में केले की ठेली लगाकर 10वीं पास की फिर धीरे-धीरे जो धन इकट्ठा किया उससे राठ जैसे क्षेत्र में 25 साल पहले एक डिग्री कॉलेज बनवाया। इसके बावजूद जब वहां से मुझे वोट नहीं मिला तो मैंने री काउंटिंग को भी सही नहीं समझा। मैं बड़ा दिल रखता हूं एक बार नही हजार बार जन्म लेंगे लेकिन अपने उसूलों के लिए लड़ता रहूंगा।
इसके बाद हरीश रावत को लेकर उन्होंने कहा की हरीश रावत को लालकुआं लड़ाने की हम सबकी इच्छा थी। लेकिन सही रिजल्ट नहीं आया और यदि सभी यह सोचते हैं कि मैंने उन्हें लालकुआं भेजने की कोशिश की तो मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं।