Delhi: लगातार पांचवें दिन एक्यूआई खराब श्रेणी में दर्ज, बुलाई गई समीक्षा बैठक

Delhi:  दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार को लगातार पांचवें दिन 372 एक्यूआई के साथ “बहुत खराब” श्रेणी में रही, वहीं न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह साढ़े आठ बजे रिलेटिव ह्यूमिडिटी 85 प्रतिशत रही। मौसम विभाग ने दिन के दौरान आसमान साफ ​​रहने की संभावना जताई है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दोपहर एक बजे दिल्ली सचिवालय में समीक्षा बैठक बुलाई है, उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली का एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में है, लेकिन खासतौर पर सरकार ने जो ग्रैप टू के नियम लागू किए हैं उसको जमीनी स्तर पर कितना लागू किया जा रहा है उसके लिए दिल्ली सचिवालय में सभी संबंधित विभागों की एक बजे समीक्षा बैठक बुलाई है।

दिल्ली में प्रवेश करने वाले डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने पर गोपाल राय ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में टीमें तैनात की जाएंगी, गोपाल राय ने पड़ोसी राज्यों से सीएनजी, इलेक्ट्रिक या बीएस सिक्स बसों को ही दिल्ली में भेजने की अपील की है।

आनंद विहार, बवाना और रोहिणी जैसे दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई “गंभीर” श्रेणी में पहुंच गया है। बता दे कि 0-50 एक्यूआई श्रेणी को ”अच्छा”, 51-100 को ”संतोषजनक”, 101-200 को ”मध्यम”, 201-300 को ”खराब”, 301-400 को ”बहुत खराब”, 401-500 को ”गंभीर” माना जाता है जबकि 500 से ऊपर का एक्यूआई ‘गंभीर प्लस” श्रेणी में आता है।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि “पूरी दिल्ली का जो अभी एक्यूआई है वो बहुत खराब श्रेणी में है। लेकिन खासतौर पर जो हमने ग्रैप टू के नियम लागू किए हैं उसको जमीनी स्तर पर कितना लागू किया जा रहा है उसके लिए हमने दिल्ली सचिवालय में जितने भी संबंधित विभाग हैं, उन सब लोगों की एक बजे समीक्षा बैठक बुलाई है, जिसमें एक-एक चीजें जो लागू हो रही हैं, कहां कमी रह जा रही है उसकी समीक्षा करेंगे। उनको लागू करने की जो प्रक्रिया है उसे और मजबूत किया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर एक्यूआई ज्यादा फ्लकचुएट कर रहा है, उन हॉट स्पॉट की भी समीक्षा करेंगे और क्या हम लोग ज्यादा से ज्यादा कर सकते हैं, उसकी भी रणनीति बनाएंगे, जिसके लिए सभी को निर्देश दिया जा चुका है। दिल्ली परिवाहन विभाग ने भी नोटिस जारी किया है, आज से वहां टीमें लगेंगी, लेकिन मेरा निवेदन है सभी राज्य सरकारों से, खासतौर पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और कुछ उत्तराखंड से बसें आती हैं तो निर्देशों के अनुसार ही आप सीएनजी, इलेक्ट्रिक या बीएस सिक्स की ही बसें भेंजे क्योंकि कोई और बस भेजेंगे, बॉर्डर पर उसे रोका जाएगा और फिर यात्रियों को परेशानी होगी। इसलिए बस डिपो से ही बीएस सिक्स बसों को संचालित किया जाए, जिससे यात्रियों को भी परेशानी न हो और जो डीजल बसों से प्रदूषण होता है, उसका जो योगदान है वो कम किया जा सके।”

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