Year Ender 2024: साल 2024 कई खेलों की ऐतिहासिक कामयाबियों से भरा रहा, लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। कुछ पल ऐसे भी थे, जिन्हें भूलना ही बेहतर है।
महिलाओं के FIH क्वालीफायर मैच में जापान से मिली हार के बाद पेरिस ओलंपिक में पहुंचने की उम्मीद धूमिल पड़ गई। एशियाई खेल पेरिस ओलंपिक पहुंचने के लिए आखिरी रास्ता थे। यहां भी नाकामी हाथ लगी। भारतीय कोच येनेके शॉपमैन ने हार का ठीकरा खिलाड़ियों पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि न तो शुरुआत सलीके से हुई और न टीम मौकों का सही इस्तेमाल कर पाई।
पेरिस ओलंपिक के दौरान पहलवान अंतिम पंघाल की वजह से भारत को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। अनुशासनहीनता के आरोप में उन्हें फौरन पेरिस से वापस भेज दिया गया। आरोप लगा कि वे अपने मान्यता कार्ड का इस्तेमाल कर अपनी बहन को खेल गांव में घुसाने की कोशिश कर रही थीं। भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन ने उन्हें वापस बुला लिया।
साल 2024 में भारतीय फुटबॉल टीम एक भी मैच नहीं जीत पाई। हैदराबाद में मलेशिया के खिलाफ मैच से एक जीत का भरोसा था। भारतीय टीम के मुकाबले मलेशिया कमजोर मानी जा रही थी, लेकिन ये मैच भी ड्रॉ रहा। कुल मिलाकर पिछले 12 मैचों से भारतीय टीम जीत के लिए तरस रही है। कुवैत के खिलाफ एएफसी विश्व कप क्वालीफायर मैच में अंतिम कामयाबी नवंबर, 2023 में मिली थी।
तब से भारतीय टीम की कतर और सीरिया से दो बार और ऑस्ट्रेलिया, उज्बेकिस्तान और अफगानिस्तान से एक-एक बार हार हुई है। वियतनाम, मॉरिशस, कुवैत, अफगानिस्तान और मलेशिया से हुए मैच ड्रॉ हुए हैं। फिर भी भारतीय कोच का दावा था कि टीम 2027 के एएफसी एशियाई कप के लिए क्वालीफाई करेगी।
नवंबर में भारतीय क्रिकेट टीम की न्यूजीलैंड के हाथों 0-3 से शर्मनाक हार हुई। तीसरे टेस्ट मैच में टीम ने काफी जोर लगाया, फिर भी 25 रन से चूक गई। भारत की 12 साल से घरेलू मैदान पर हार नहीं हुई थी। न्यूजीलैंड की जीत का सिलसिला शुरू हुआ तो वो रिकॉर्ड टूट गया। 1955-56 में भारत का दौरा शुरू करने वाले न्यूजीलैंड को पहली बार मेजबान की धरती पर सीरीज की जीत मिली। भारत को पहली बार 3-0 से हराने का सेहरा भी किवीज के सिर पर बंधा
भारतीय खेल के इतिहास में विनेश फोगाट का मामला दिल तोड़ने वाला था। विनेश ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला थीं। भारत के खाते में कम से कम रजत पदक तो तय था। मैच के ऐन पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा निकला और उन्हें 50 किलोग्राम वर्ग में पदक की दौड़ से बाहर होना पड़ा।
विनेश और भारतीय टीम ने उन्हें तय वजन सीमा के भीतर लाने की काफी कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। वे आखिरी बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रही थीं। एक दिन बाद उन्होंने अपने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया।