Tilak Verma: भारत लौटने के बाद तिलक वर्मा ने कहा, “शुरुआत में थोड़ा दबाव और घबराहट थी। लेकिन मैंने अपने देश को सबसे ऊपर रखा और तय किया कि मुझे हर हाल में भारत के लिए मैच जीतना है।” तिलक ने कहा कि अगर उस वक्त मैं दबाव में आ जाता, तो खुद को और देश के 140 करोड़ लोगों को निराश करता। इसलिए मैंने वही बेसिक्स अपनाए, जो मैंने अपने कोचों से सीखे थे। हमारा सबसे बड़ा जवाब मैच जीतना था और हमने वही किया।
बल्लेबाज तिलक वर्मा ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों की स्लेजिंग का सबसे अच्छा जवाब भारत ने एशिया कप जीतकर दिया। तिलक ने बताया कि उन्होंने मैच के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ियों के शुरुआती दबाव और छींटाकशी का डटकर सामना किया और फाइनल मुकाबले में विजयी अर्धशतक जड़ा। तिलक वर्मा ने रविवार को दुबई में नाबाद 69 रन की पारी खेलते हुए भारत को पाकिस्तान पर पांच विकेट से जीत दिलाई।
तिलक ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने काफी स्लेजिंग की, लेकिन 147 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने चुप्पी साधे रखना बेहतर समझा। उन्होंने कहा, “हमने जल्दी ही तीन विकेट गंवा दिए थे और माहौल गरमा गया था। मैं सामान्य से पहले बल्लेबाजी करने आया। लेकिन मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और ऐसा कोई शॉट भी नहीं खेला जिससे टीम को नुकसान हो।”
हैदराबादी बल्लेबाज ने बताया कि जीत हासिल करने के बाद ही उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मैच के दौरान मेरा ध्यान केवल खेल पर था। जो कुछ कहना था, मैंने मैच के बाद कहा, खेलते समय नहीं। भारत-पाकिस्तान मैचों में ऐसी बातें होती रहती हैं, ये खेल का हिस्सा है। हमारा ध्यान सिर्फ जीत पर था।”
भारत को आखिरी ओवर में तेज गेंदबाज हारिस राउफ के खिलाफ 10 रन चाहिए थे। तिलक ने कहा कि उस समय तक वे दबाव से उबर चुके थे। उन्होंने कहा, “मैं बिल्कुल भी दबाव में नहीं था। मुझे भरोसा था कि मैच जीत लूंगा। मैं केवल देश के बारे में सोच रहा था और हर गेंद पर फोकस कर रहा था। देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करना ही मेरा मकसद था और मुझे इस पर गर्व है।”
तिलक ने कहा कि जीत की असली वजह मुश्किल पिच पर साझेदारियां बनाना रही। उन्होंने कहा कि सूर्या भाई सही कहते हैं कि कोई व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता नहीं होती, लेकिन हमें पता था कि पाकिस्तान पूरी तैयारी के साथ उतरेगा। उन्होंने पिच का इस्तेमाल अपने हिसाब से किया और गति कम कर दी, लेकिन हम तैयार थे। हमने साझेदारियां बनाई और यही जीत की कुंजी साबित हुई।”