Test cricket: आईसीसी यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल टेस्ट क्रिकेट के लिए कम से कम 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अलग फंड बनाने पर विचार कर रहा है, इससे खिलाड़ियों की मैच फीस बढ़ाने और टैलेंट को लुभाने वाली टी20 फ्रेंचाइजी लीगों का रूख करने से रोकने में मदद मिलेगी।
ऑस्ट्रेलियाई अखबार ‘द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की तरफ से प्रस्तावित इस पहल को अगले आईसीसी चेयरमैन बनने की दौड़ में सबसे आगे दिख रहे बीसीसीआई सचिव जय शाह और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड का समर्थन हासिल है।
इस फंड से टेस्ट क्रिकेटरों की न्यूनतम मैच फीस में बढ़ोतरी होगी और ये विदेशी दौरों पर टीमों को भेजने की लागत को कवर करेगा, साथ ही इससे वेस्टइंडीज जैसे क्रिकेट बोर्ड को मदद मिलेगी जिसके खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट की बजाय ग्लोबल टी20 लीगों में खेलने को तरजीह दे रहे हैं। इस फंड से तीन सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को किसी तरह का फायदा होने की संभावना नहीं है क्योंकि वे पहले से ही अपने खिलाड़ियों को काफी सैलरी दे रहे हैं।
बीसीसीआई ने इस साल की शुरुआत में भारत के पुरुष टेस्ट क्रिकेटरों के लिए इंसेंटिव स्कीम शुरू की थी, इसका मकसद खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट को तरजीह देने के लिए प्रोत्साहित करना और खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट में लगातार अच्छे परफॉर्मेंस को इनाम देना था।
नई स्कीम के तहत, जो खिलाड़ी अक्टूबर से सितंबर तक एनुअल सायकल में भारत के लिए कम से कम 75 प्रतिशत टेस्ट मैच खेलेगा, उसे 15 लाख रुपये की टेस्ट मैच फीस के अलावा हर मैच में 45 लाख रुपये की मोटी रकम दी जाएगी। वहीं 50 से 75 प्रतिशत टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों को हर मैच 30 लाख रुपये का बोनस मिलेगा। अगर नॉन-प्लेइंग सदस्यों को टीम में चुना जाता है तो उन्हें आधी रकम का भुगतान किया जाएगा।