Sakshi Malik: पूर्व मुक्केबाज और कांग्रेस नेता विजेंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि साक्षी मलिक को बहुत दर्द सहने के बाद संन्यास लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के नए अध्यक्ष बन गए। उनके पैनल ने देर से हुए चुनावों में अधिकांश पदों पर आसानी से जीत हासिल की। इस तरह निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने खेल निकाय पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण कर लिया।
बृज भूषण के वफादार और यूपी कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40 वोट मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी अनीता श्योराण को सात वोट मिले। रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि वे ऐसे व्यक्ति की अध्यक्षता में नहीं खेंलेगी जिसे पूर्व डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष का समर्थन मिला है।
इस साल की शुरुआत में तीन पहलवानों ने बृज भूषण पर कई महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। विजेंदर सिंह का कहना है कि “खिलाड़ी होने के नाते एक प्लेयर होने के नाते एक महिला खिलाड़ी का दर्द में समझ सकता हूं। जो कल का दिन था वो हिंदुस्तान के इतिहास में खेलों में वो काला दिन है। एक ओलंपिक मेडलिस्ट रिटायरमेंट ले लेता है कि उसके साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट हुआ। उसके लिए उसने फाइट की उस फाइट में वो हार जाती है और उसको सरकार की तरफ से कहते हैं कि उसको कोई न्याय नहीं मिलता बाद में उसको रिटायरमेंट लेना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि तंग होकर दुखी होकर परेशान होकर बस मेरे एक छोटे-छोटे सवाल हैं कि अगर ये आपकी किसी मां, बहन, बेटी के साथ हुआ होता तो क्या तब भी आप ऐसे ही चुप रहते? या मोदी सरकार तब भी ऐसी चुप रहती? इसको इस खेल को जो इन्होंने प्रोटेस्ट किया था तरह-तरह से बदनाम करने की कोशिश की गई थी। उसको कहा गया कि आप कांग्रेस पार्टी से प्रेरित हैं, उसको कहा गया कि ये जाटों का एक प्रोटेस्ट है। तरह तरह के एलिगेशन लगाए गए। मैं गया वहां पर पहले दिन से उनके साथ था, मैं अब भी उनके साथ हूं और आगे भी साथ रहूंगा।”