Paris Olympics: भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने स्वदेश लौटने के बाद कहा, “हम खाली हाथ नहीं लौटे हैं।” उन्होंने यह भी माना कि पेरिस ओलंपिक के फाइनल में जगह बनाने में टीम चूक गई लेकिन खेलों में लगातार पदक जीतकर टीम खुश है।
भारत ने पेरिस के यवेस-डु-मनोइर स्टेडियम में स्पेन को 2-1 से हराकर अपना लगातार दूसरा कांस्य पदक जीता, भारत ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर 41 साल के पदक जीता था। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि “आई थींक काफी इमोशनल मूमेंट था उसके लिए भी और क्योंकि इतना समय उन्होंने हॉकी को दिया है, टीम को दिया है। ये बहुत बड़ी बात है, लास्ट मैच खेलना और मेडल के साथ फिनिश करना इससे बड़ी बात उनके लिए भी कोई नहीं है। तो हमारा यही था कि जब वो जा रहे हैं तो उन्हें अच्छे से भेजें, मेडल के साथ भेजें और हम बहुत खुश हैं उनके लिए, वो रिटायरमेंट ले चुके हैं लेकिन वो हमेशा हमारे साथ रहेंगे।”
उन्होंने कहा कि “आई थींक जो सपोर्ट मिल रही है स्पोर्ट्स को और सभी गेम्स को और मैं भारत सरकार, साई बैंगलोर, ओडिशा सरकार और हॉकी इंडिया को थैंक्यू कहना चाहता हूं और एक प्लेयर के नाते हम चाहते हैं कि सबकी सपोर्ट मिले और आई थींक कि वो हमें मिली।” भारत की पुरुष हॉकी टीम 1972 के बाद पहली बार लगातार दो ओलंपिक कांस्य पदक जीते हैं।
कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि “मेडल, मेडल होता है और आई थींक की देश के मेडल लाना बहुत बड़ी बात होती है और जो हमारी कोशिश थी कि फाइनल चल जाएं औऱ गोल्ड मेडल जीत बट अनफॉर्चुनेटली हमारा वो सपना पूरा नहीं हुआ बट हम खाली हाथ नहीं आए हैं औऱ बैक टू बैक ब्रॉन्ज जीतना ये भी हिस्ट्री है और बहुत प्राउड हैं हम।”
इसके साथ ही कहा कि “यह पूरे इंडिया को करेंगे कि आप लोगों ने, सबने जितना प्यार दिया है वो हमारे लिए बहुत इंपोर्टेंट है और ये सपोर्ट आपकी हमेशा हमारे साथ रहे, हम यही उम्मीद करते हैं।” हरमनप्रीत सिंह, भारतीय हॉकी कप्तान “आई थींक काफी इमोशनल मूमेंट था उसके लिए भी और क्योंकि इतना समय उन्होंने हॉकी को दिया है, टीम को दिया है। ये बहुत बड़ी बात है। लास्ट मैच खेलना और मेडल के साथ फिनिश करना इससे बड़ी बात उनके लिए भी कोई नहीं है। तो हमारा यही था कि जब वो जा रहे हैं तो उन्हें अच्छे से भेजें, मेडल के साथ भेजें और हम बहुत खुश हैं उनके लिए। वो रिटायरमेंट ले चुके हैं लेकिन वो हमेशा हमारे साथ रहेंगे।”