Hockey: ओलंपिक और विश्व कप स्वर्ण पदक विजेता बेल्जियम हॉकी टीम के डिफेंडर आर्थर डी. स्लोवर का मानना है कि जिस तरह से भारत पिछले कुछ सालों से प्रगति कर रहा है, उससे लगता है कि देश, भविष्य में विश्व स्तर पर और ज्यादा गौरव हासिल करने का बड़ा दावेदार है। भारत ने टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में लगातार कांस्य पदक हासिल किए। इससे पहले उसने आखिरी बार 1980 के मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। हालांकि भारत को विश्व कप पदक लंबे समय से नहीं मिल पाया है। देश ने इस स्तर पर आखिरी बार 1975 में कुआलालंपुर में खिताब जीता था। ये उसका पहला और अब तक का इकलौता खिताब है।
आगामी हॉकी इंडिया लीग में हैदराबाद तूफांस टीम में शामिल डी. स्लोवर, स्थानीय स्टार नीलकंठ शर्मा और जर्मनी के गोंजालो पेइलाट के साथ खेलते दिखेंगे। उनका मानना है कि भारतीय हॉकी सही रास्ते पर है। स्लोवर को लगता है कि भारत कप्तान हरमनप्रीत सिंह के इर्द-गिर्द अच्छे हॉकी खिलाड़ियों की एक नई पीढ़ी तैयार कर रहा है और भारतीय टीम पेरिस ओलंपिक में थोड़ी बदकिस्मत रही और स्वर्ण पदक की ओर कदम नहीं बढ़ा पाई क्योंकि उसका सामना बेहतरीन जर्मनी की टीम से था। पीटीआई वीडियो से खास बातचीत में स्लोवर का मानना है कि भारतीय हॉकी टीम के लगातार दो ओलंपिक खेलों में पदक जीतने का मतलब है कि वो बेहतर रास्ते पर है और लगातार बेहतर खेल दिखा रही है। उनका कहना है कि अगर आने वाले वक्त में भारतीय हॉकी टीम विश्व कप या ओलंपिक पदक का बड़ा दावेदार बनता है तो इसमें किसी को कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए और साथ ही भारतीय टीम को किस्मत का भी थोड़ा साथ चाहिए।
स्लोवर भारतीय हॉकी टीम के कोच क्रेग फुल्टन की भी तारीफ करते दिखे। उन्होंने कहा कि वे जानते हैं कि फुल्टन बेल्जियम से ही हैं और उन्होंने बेहतरीन टीम और बेहतरीन स्ट्रक्चर तैयार कर शानदार काम किया है। हॉकी इंडिया लीग की सात साल बाद फिर शुरुआत हो रही है। लीग के मुकाबलों की शुरुआत 28 दिसंबर को राउरकेला में होगी। पहली बार चार टीमों की महिला एचआईएल भी रांची में आयोजित की जाएगी। डी स्लोवर को ये भी उम्मीद है कि अर्जेंटीना में जन्मे जर्मन ड्रैग-फ्लिकर पेइलाट इस सीजन में तूफांस के लिए खूब गोल करेंगे।
बेल्जियम के दिग्गज हॉकी खिलाड़ी आर्थर डी. स्लोवर ने अपने बयान में कहा कि, “मैं हॉकी इंडिया लीग के लिए भारत आने को लेकर बहुत उत्साहित हूं। मुझे लगता है कि 2017 और उससे पहले के सालों में इसे देखना बहुत रोमांचक था और अब मैं इसका हिस्सा बनकर और इस अनुभव को जीकर बहुत खुश हूं। इसलिए मैं वास्तव में इसका बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। जैसा कि मैंने कहा कि भारत हॉकी में जी रहा है और हॉकी खिलाड़ियों के रूप में हमारे लिए ये हॉकी खेलने के लिए शायद सबसे खूबसूरत जगह है। आपके पास शानदार स्टेडियम हैं और भीड़ हमेशा बहुत उत्साहित रहती है, इसलिए मुझे उम्मीद है कि एचआईएल सफल होगी और स्टेडियम भरे रहेंगे और हम हॉकी इंडिया लीग देखने के इच्छुक सभी लोगों के सामने शानदार प्रदर्शन कर पाएंगे। अगर मैं भारत के पिछले दो ओलंपिक के बारे में बात करूं तो मुझे लगता है कि भारत ने रियो ओलंपिक से टोक्यो की ओर एक बड़ा कदम उठाया है, बेशक कांस्य पदक के साथ लेकिन लंबे समय में पहला पदक।
मुझे लगता है कि वे कप्तान हरमनप्रीत के इर्द-गिर्द वास्तव में अच्छे हॉकी खिलाड़ियों की एक नई पीढ़ी तैयार कर रहे हैं और मुझे लगता है कि वे पेरिस में थोड़े बदकिस्मत रहे हैं क्योंकि उन्हें एक बहुत अच्छी जर्मन टीम का सामना करना पड़ा। लेकिन तथ्य ये है कि उन्होंने लगातार दो ओलंपिक पदक जीते हैं, ये दिखाता है कि वे बहुत अच्छे रास्ते पर हैं और उनकी टीम वास्तव में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इसलिए मुझे हैरानी नहीं होगी अगर आने वाले सालों में वे वहां होंगे और विश्व कप या ओलंपिक पदक के लिए एक बड़े दावेदार होंगे। मुझे लगता है कि उन्हें बस थोड़ी और किस्मत की जरूरत है और अब उनके मुख्य कोच क्रेग फुल्टन, जिन्हें मैं बेल्जियम से जानता हूं, के साथ मुझे लगता है कि वे एक बहुत अच्छी टीम को एक बहुत अच्छे स्ट्रक्चर के साथ तैयार करने में बहुत अच्छा काम करेंगे। मुझे लगता है कि भारतीय हॉकी के लिए आने वाले कुछ अच्छे साल हैं।”