Samba: जम्मू कश्मीर के सांबा जिले में बाबा चामलियाल की दरगाह पर सालाना मेले की आधिकारिक शुरुआत हुई। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ दूरी पर स्थित ये दरगाह धार्मिक महत्व रखती है और हर साल यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
लंबे वक्त से चली आ रही परंपरा के तहत, पहली चादर सीमा सुरक्षा बल की तरफ से दरगाह में चढ़ाई गई। बीएसएफ कमांडेट 101 बटालियन अलकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि
“मुझे बताया गया कि ये 322 साल से ये परंपरा चली आ रही है यहां पर बाबा जी का और बड़ा श्रद्धा है लोगों को यहां के मिट्टी में, यहां के पानी में। मेरे साथ भी कई लोग जब कई बार यहां पर आए। मेरे परिवार, बच्चे सभी आए यहां पर और सीनियर ऑफिसर भी तो एक बड़ी श्रद्धा है यहां के लिए। तो उसी श्रद्धा को हम मेंटेन करेंगे आगे और यहां पर जो हमसे उम्मीद है बीएसएफ से, वो अपने देश के लिए भी और चमलियाल के लिए भी, हमेशा हम खड़े रहेंगे।”
मंदिर समिति ने लोगों से बड़ी संख्या में मेले में आने और बाबा चामलियाल का आशीर्वाद लेने की अपील की।
मंदिर कमेटी सदस्य चरण दास ने कहा कि “यह सभी जातिगण से कहता हूं कि आप आइए और बाबा जी का आशीर्वाद लें और सबसे ज्यादा मैं थैंक्स करुंगा अपने एमएलए देविंदर मन्याल का की उन्होंने कम से कम भी ज्यादा नहीं तो मैं कहता हूं कि 10 चक्कर यहां पर लगाए हैं। जिस दिन का मेला हमारा स्टार्ट हो रखा है। तो मेला 15 दिन का हमारा यहां चल रहा है। हमने जो भी मांग की उनसे उन्होंने हमारी मांग पूरी की।”
2018 तक शांति और साैहार्द की मिसाल के तौर पर बाबा चामलियाल की दरगाह पर चढ़ाने के लिए पाकिस्तान की ओर से चादर भेंट की जाती थी जबकि यहां की पवित्र मिट्टी और पानी को सीमा पार भेजा जाता था।
हालांकि कूटनैतिक और सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं की वजह से ये परंपरा फिलहाल स्थगित है, इस साल मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।