Religious Week: हिंदू धर्म की परंपराओं में सप्ताह के प्रत्येक दिन का एक विशेष धार्मिक महत्व है। हर दिन एक विशेष देवता को समर्पित होता है और उस दिन उनका पूजन तथा उपवास करने से विशेष लाभ मिलते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परंपरा केवल आस्था से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन से भी जुड़ी हुई है। व्रत रखने से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह शरीर को डिटॉक्स करने, मन को एकाग्र करने और जीवनशैली को अनुशासित करने में सहायक है।
सोमवार (भगवान शिव)
सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। श्रद्धालु इस दिन व्रत रखकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। विशेषकर श्रावण मास के सोमवारों का विशेष महत्व है। मान्यता है कि शिव व्रत से वैवाहिक जीवन में सुख आता है, मन की शांति मिलती है और अनेक संकटों से मुक्ति मिलती है।
मंगलवार (भगवान हनुमान)
मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित है। इस दिन उपवास से शारीरिक बल, मानसिक साहस और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। मंगलवार का व्रत विशेष रूप से मंगल ग्रह की अशुभता को दूर करने के लिए किया जाता है।
बुधवार (भगवान गणेश)
बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन उपवास से विघ्नों का नाश होता है और कार्यों में सफलता मिलती है। गणेश व्रत विशेष रूप से नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है।
गुरुवार (भगवान विष्णु और बृहस्पति देव)
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन उपवास से धन, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। गुरुवार का व्रत विशेष रूप से शिक्षा, ज्ञान और वैवाहिक जीवन में सुख के लिए किया जाता है।
शुक्रवार (देवी लक्ष्मी और संतोषी माता)
शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन उपवास से घर में सुख-समृद्धि और लक्ष्मी का वास होता है। शुक्रवार का व्रत विशेष रूप से धन, वैभव और परिवार में सुख के लिए किया जाता है।
शनिवार (भगवान शनि और हनुमान जी)
शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित है। इस दिन उपवास से शनि की दशा-दशा से संबंधित समस्याओं का समाधान होता है और जीवन में शांति आती है। शनिवार का व्रत विशेष रूप से शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है।
रविवार (भगवान सूर्य)
रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। इस दिन उपवास से स्वास्थ्य में सुधार, आत्मविश्वास में वृद्धि और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। रविवार का व्रत विशेष रूप से स्वास्थ्य और आत्मबल के लिए किया जाता है।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, सप्ताह में एक दिन का उपवास पाचन तंत्र को विश्राम देता है और शरीर को विषरहित करने में मदद करता है। इससे न केवल शारीरिक स्वास्थ्य सुधरता है, बल्कि मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक ऊर्जा भी बढ़ती है। धार्मिक विद्वानों का कहना है कि, “इन व्रतों का उद्देश्य केवल ईश्वर की कृपा प्राप्त करना नहीं है, बल्कि व्यक्ति के आचरण, सोच और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना भी है।”