Chhath Puja: देश भर में छठ महापर्व के संध्या अर्घ्य का उत्साह रहा। श्रद्धालुओं ने छठ के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य दिया, जिसमें डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। बिहार की राजधानी पटना में हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर बने घाटों में आस्था और भक्ति के साथ पारंपरिक रूप से सूर्य को अर्घ्य दिया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना के तट पर कालिंदी कुंज घाट श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। उन्होंने गहरी श्रद्धा और उत्साह के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। चंडीगढ़ में, सेक्टर 42 के झील पर संध्या अर्घ्य देने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। कई श्रद्धालुओं ने सुचारू व्यवस्था के लिए प्रशासन की तारीफ की।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने त्योहारी परिधानों में अस्सी घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया, व्रतियों ने कहा कि उन्हें पवित्र त्योहार मनाने और अपने प्रियजनों के कल्याण और लंबी उम्र की पूजा करने का बेसब्री से इंतजार था।
गोवा की राजधानी पणजी के मीरामार बीच पर भी त्योहार का उत्साह था, श्रद्धालुओं ने समुद्र के किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजा-अर्चना की। उनका कहना है कि वे चाहे कहीं भी हों, छठ मनाने और अपनी जड़ों से जुड़े रहने का कोई न कोई तरीका जरूर निकाल लेते हैं।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में महिलाएं श्रद्धा के साथ संध्या अर्घ्य देने के लिए कुआखाई नदी पर पहुंचीं। उन्होंने तीसरे दिन का अनुष्ठान पूरा होने तक निर्जला उपवास रखा हुआ था।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में श्रद्धालुओं ने आसन नदी के किनारे छठ पूजा की और अर्घ्य दिया, चार दिन चलने वाला छठ महापर्व मंगलवार को संपन्न होगा। इस दिन श्रद्धालु उगते सूर्य और छठी मैया को अंतिम अर्घ्य अर्पित करके पारण करेंगे।
श्रद्धालुओ ने बताया कि “यह बिहार का महापर्व है, हम लोग बहुत धूमधाम से मनाते हैं। शादी-विवाह की तरह मनाते हैं इसको। पहला नहाय-खाय होता है। दूसरा हम लोग का खरना होता है। तीसरा हम लोग का संध्या अर्घ्य होता है। फिर प्रात: अर्घ्य चौथे दिन होता है। हम लोग भगवान से मांगते हैं। वो हमको देते हैं। श्रद्धा से जो हम लोग मांगते हैं, वो हमको देते हैं।”