Budhwar Vrat: जीवन में सफलता और शांति पाने का सरल उपाय

Budhwar Vrat: बुधवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, जिसे भगवान गणेश और बुध ग्रह दोनों को समर्पित माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से बुद्धि, वाणी, व्यापार और शिक्षा में सफलता की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से, बुधवार व्रत का पालन बुध ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए किया जाता है, जो व्यक्ति की मानसिक क्षमता और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है।

पूजा विधि और नियम
बुधवार व्रत की शुरुआत शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से करनी चाहिए, जब विशाखा नक्षत्र भी हो। इस दिन प्रातः स्नान करके घर की सफाई करें और भगवान गणेश या बुध देव की मूर्ति को कांस्य पात्र में स्थापित करें। पूजा करते समय हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। पूजा में सफेद फूल, घी का दीपक, बेलपत्र, अक्षत, और हरे रंग की वस्तुएं चढ़ाएं। व्रति को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए और एक समय भोजन करना चाहिए। पूजा के बाद ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:’ मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है।

व्रत कथा
प्राचीन काल में एक व्यक्ति अपनी पत्नी को ससुराल से विदा करने के लिए बुधवार के दिन यात्रा पर निकला। पत्नी को प्यास लगने पर वह पानी लेने गया, और जब वापस आया तो देखा कि उसकी पत्नी के पास एक और व्यक्ति बैठा है। दोनों ने एक-दूसरे को अपना पति बताया, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। यह देखकर आकाशवाणी हुई कि बुधवार के दिन यात्रा करना मना है, और यह सब बुध देवता की लीला है। व्यक्ति ने अपनी गलती स्वीकार की और बुध देवता से क्षमा मांगी। इसके बाद वह और उसकी पत्नी नियमित रूप से बुधवार व्रत करने लगे, जिससे उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आई।

लाभ
बुधवार व्रत करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, व्यापार में उन्नति, शिक्षा में सफलता, और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। जो लोग इस व्रत को 21 या 24 बुधवार तक करते हैं, उन्हें विशेष लाभ मिलता है। इस व्रत से बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, जो जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं में सुधार लाती है। इस प्रकार, बुधवार व्रत न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह मानसिक और भौतिक समृद्धि की ओर भी मार्गदर्शन करता है।

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