Punjab: धान किसानों का प्रदर्शन जारी, सरकार पर फसल की धीमी खरीद का आरोप

Punjab: लंबे समय से धरने पर बैठे किसानों ने पंजाब के कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन तेज कर दिया, किसानों का दावा है कि चालू खरीफ सीजन में सरकार ने धान की खरीदारी कम कर दी है। चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कुछ किसानों ने तीन घंटे तक नेशनल हाईवे को जाम कर दिया, इस दौरान ट्रैफिक जाम की वजह से परेशान यात्रियों ने जब विरोध किया तो किसानों और यात्रियों में तीखी बहस शुरू हो गई।

अमृतसर से भी कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आईं, भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहन) के किसान नेता रेल की पटरियों पर बैठ गए, इसकी वजह से कुछ देर तक ट्रेन की रफ्तार पर ब्रेक लग गया।

प्रदर्शनकारी किसानों का दावा है कि अनाज मंडियों में उनकी फसल बिक नहीं रही है, इस बीच पंजाब के कुछ राइस मिलर्स और कमीशन एजेंट ने किसानों के विरोध का समर्थन किया है। कमीशन एजेंट अपने कमीशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं, जबकि राज्य के राइस मिल वालों ने ताजा धान की फसल को स्टोर करने के लिए जगह की कमी की शिकायत की है।

वे केंद्र सरकार से स्टोरेज के लिए जगह बनाने और मौजूदा गेहूं और धान के स्टॉक को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि “सारे जो किसान हैं.. हम तकरीबन एक महीने से मंडियों में बैठे हैं। सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। ना मालिकों से बात कर रही है ना आढ़तियों से बात कर रही है। सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया तो हमारी जो एसकेएम की जो मीटिंग हुई थी चंडीगढ़ उसमें ये फैसला लिया गया कि 12 से तीन पंजाब के पूरे रोड हम जाम करेंगे और हमारी लीडरशीप समझदार है। उन्होंने इतवार का दिन चुना और 12 से तीन का टाइम, ताकि लोगों को कम से कम परेशानी हो।”

इसके साथ ही किसान नेताओ ने कहा कि “मेन मांगें हमारी दोनों सरकारों से है। राज्य सरकार जो है उसका खेती जो है वो राज्य सरकार का सब्जेक्ट होता है, लेकिन उसमें आज तक केंद्र भी पूरा इन्वॉल्व है। जो केंद्र सरकार है वो राज्य के जो अधिकार है उसके अधिकारों पर लगातार डाका डाल रहे हैं और उसके अधिकार जो है खत्म किये जा रहे हैं और जो राज्य सरकार है वो भी उसके मंत्री, उसके ब्यूरोक्रेसी लगातार मीटिंग कर रहे हैं, लेकिन किसानों पर, मंडियों पर, आम लोगों में उसका कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है।”

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