Punjab: पंजाब में बाढ़ का कहर, उफान पर नदियां, गांव पानी में डूबे, बचाव अभियान तेज

Punjab: पंजाब का बड़ा हिस्सा इस वक्त बाढ़ की चपेट में है। सतलुज, रावी और ब्यास सहित राज्य की प्रमुख नदियां उफान पर हैं, हालात इस कदर खराब हैं कि कई जिलों में दर्जनों गांव डूब चुके हैं। एनडीआरफ और स्थानीय अधिकारियों के साथ सेना को बचाव और राहत कार्यों में लगाया गया है, फाजिल्का में सतलुज नदी के किनारे बसे करीब दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं। खेत, तालाब में तब्दील हो चुके हैं, लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है। एहतियात के तौर पर लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है।

एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ में फंसे कई बच्चों को बचाया और ऊंचाई वाली जगह पर शिफ्ट किया। गुरदासपुर में भी कुछ ऐसे ही हालात हैं। रावी नदी का पानी खेत, घर और यहां तक कि डेरा बाबा नानक के कई हिस्सों में भर चुका है। इमारतें 10 से 12 फीट सैलाब में समा चुकी हैं। कई लोग अपने घरों की छतों पर फंसे हुए हैं। जमीन पर पैर रखने तक जगह नहीं बची है। बाढ़ की वजह से सड़क से संपर्क टूट गया है स्थानीय लोग मौजूदा हालात से काफी चिंता में हैं।

कुछ लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने समय पर कार्रवाई नहीं की, जिसका खामिया आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। इलाके के लोगों के आरोपों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हालात का जायजा लेने के लिए गुरदासपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और जिला प्रशासन को प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए राज्य सरकार के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया।

वहीं अमृतसर में रावी नदी का जलस्तर बढ़ने से अजनाला में तटबंध के टूटने से 20 गांवों में पानी भर गया। सेना और बीएसएफ के वाहन भी बाढ़ में फंस गए। अमृतसर जिले के अटारी से स्थानीय विधायक जसविंदर सिंह रामदास ने लोगों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। पठानकोट में भी रावी नदी भयंकर तबाही मचा रही है। बुधवार को रावी नदी पर स्थित माधोपुर हेडवर्क्स के दो गेट टूट गए और बाढ़ आ गई।

होशियारपुर में लगातार हो रही बारिश की वजह से पौंग डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। एहतियाती कदम उठाते हुए अधिकारियों को व्यास नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ा, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया। कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी में भी हालात बद से बदतर बने हुए हैं। यहां एक चेकडैम के टूटने से तकरीबन 30 से 40 गांवों में पानी भर गया। हजारों लोगों का जीवन खतरे में हैं।

सीमा से सटे फिरोजपुर जिले में भी बाढ़ के हालात जस के तस बने हुए हैं। पिछले 48 घंटों में प्रभावित गांवों से 2,000 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है। पंजाब में बाढ़ का खतरा टला नहीं है। नदियों और डैम का पानी लगातार तबाही मचा रहा है, इसको देखते हुए प्रशासन और बचाव एजेंसियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया है। राज्य सरकार भी पूरी तरह सतर्क है। सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय अधिकारी फंसे हुए लोगों को निकलने और जरूरी मदद पहुंचाने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं।

एनडीआरएफ कर्मी “हमारी टीम यहां .. वाले गांव में रेस्क्यू कर रही है पुल के पास। सरपंच साबह ने हमें बताया कि बच्चा डूबा हुआ है। जैसे ही सूचना मिली मैंने तुरंत रेस्क्यू के लिए अपनी टीम को भेजा और वहां पर जो बच्चा डूबा हुआ था। उसको जाकर बचाया।”

स्थानीय निवासी “स्थिति काफी खराब है, स्थानीय लोग बहुत परेशान हैं। जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। लोग अपने घरों की छतों पर चढ़ गए हैं। इमारतें 10-12 फीट तक डूबी हुई हैं। सुबह से ही सभी रास्ते बंद हैं – न तो कोई कहीं जा सकता है और न ही कोई इस इलाके में आ-जा सकता है। यहां तक कि मवेशी भी परेशान हैं। हमारे सामने इस घर को देखिए, पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं।”

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